दीपक नौरंगी
पटना: बिहार में पटना राजधानी नए-नए सीनियर एसपी को लेकर लगातार कई तरह की चर्चाएं और कयास लगाए जा रहे हैं। सच्चाई पर भरोसा करें तो राज्य सरकार के एक पूर्व करीबी आईएएस अधिकारी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आईपीएस अधिकारी राजीव मिश्रा को बिहार बुलाया।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे राजीव मिश्रा ने 24 फरवरी को बिहार पुलिस मुख्यालय में अपना योगदान दे दिया है। इसीलिए आईएएस और आईपीएस महकमे में कई तरह की चर्चाएं पर्दे के पीछे होती दिख रही है।
कोई भी आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति जाता है तो कम से कम पांच सालों तक वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहता है। उसके बाद ही वह अपने मूल कैडर वापस आता है लेकिन 2010 बैच के आईपीएस राजीव मिश्रा को करीब दो साल कुछ महीनों में ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बीच में ही वापस लौट आने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े होते दिख रहे हैं।
बिहार के डीजीपी से के पद से रिटायर हुए एक आईपीएस अधिकारी का मानना है कि आईपीएस अधिकारी केएस द्विवेदी बिहार में डीजीपी के के पद पर रहते हुए 2010 बैच के कई आईपीएस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की फाइल खोली थी। उनके दामाद भी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
दामाद से आगे और दूसरा कोई आईपीएस अधिकारी बिहार में ना हो, इसके लिए बताया जाता है कि 2010 बैच के कई आईपीएस अधिकारी को दागदार बनाने में पूर्व डीजीपी के एस दिवेदी का महत्वपूर्ण हाथ माना जाता है। बड़े रिटायर आईएएस अधिकारी कहते हैं कि पूर्व डीजीपी केएस द्विवेदी ने अपने पद पर रहते हुए 2010 बैच के कई आईपीएस अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही की संचिका खोली थी।
लेकिन इन मामलों में क्या सच्चाई है यह बता पाना कठिन है। आईएएस और आईपीएस खेमा में अंदर खाने में चर्चा है उससे यह साफ है कि क्योंकि राज्य सरकार के एक करीबी आईएएस अधिकारी ने राजीव मिश्रा के ससुर के कहने पर उनके दामाद को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार वापस बुला लिया है।
वह इसीलिए कि उनको पटना राजधानी का नया सीनियर एसपी राज्य सरकार उनको बना सके। बिहार में कई जिले में सीनियर एसपी का महत्वपूर्ण पद है जैसे कि दरभंगा मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और पटना इन बड़े जिलों में पराया एसएसपी की पोस्टिंग होती है। क्योंकि यह बिहार के बड़े जिले माने जाते हैं। इन सभी जिलों में लगातार बड़ी अपराधिक घटनाएं होती रही है।
दिसंबर महीने में ही पटना के वर्तमान एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों का प्रमोशन डीआईजी में हो गया था। लगातार चर्चा के मुताबिक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे राजीव मिश्रा के लिए ही सरकार ने डीआईजी में प्रमोशन होने के बाद भी पटना के एसएसपी के पद पर मानव जीत सिंह ढिल्लों को ही छोड़ दिया था।
ऐसी स्थिति में पुलिस मुख्यालय डीआईजी कार्मिक के पद पर उनकी तैनाती हो सकती है। पटना एसएसपी के पद पर रहते हुए मानत जीत सिंह ढिल्लों का विवादों से दूर दूर तक कोई नाता नहीं रहा। कभी कोई भ्रष्टाचार का भी आरोप और चर्चा का जिक्र इनके साथ जोड़कर देखा नहीं गया।
इसीलिए पटना के एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों एक साफ छवि के आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं। पटना एसएसपी के पद पर इनका कार्यकाल सराहनीय माना जाएगा। चर्चा है कि राज्य सरकार के करीबी एक पूर्व आईएएस अधिकारी की मेहरबानी राजीव मिश्रा के ससुर पूर्व डीजीपी केएस द्विवेदी पर भी थी।
इसीलिए पूर्व आईएएस अधिकारी और के एस द्विवेदी के ही दामाद को पटना का सीनियर एसपी बनाया जाए। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक रिटायर पूर्व आईएएस अधिकारी ने एक सुनियोजित तरीके से भूमिका बनाए जाने की बात बड़ी सुर्खियों में है।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव मिश्रा बिहार में लखीसराय में एसपी रूप में कार्य कर चुके है। किशनगंज जिले में एसपी थे। गया के सीनियर एसएसपी भी रह चुके हैं और पटना ट्रैफिक एसपी भी रह चुके हैं। पटना बेस्ट के भी एसपी रह चुके हैं लगातार यही चर्चा है कि इनको ही पटना राजधानी का नया एसएसपी बनाया जाएगा।