चुनावनागालैंडबयान

अमित शाह ने ईएनपीओ की मांग पर आश्वासन दिया

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया नगा शांति समझौता जल्द ही फलीभूत होगा

  • बड़े हिस्से से अफस्पा कानून हटा दिया गया है

  • लोगों को भ्रम में नहीँ आने की अपील भी की

  • उग्रवाद कम करने में भाजपा सफल हुई है

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार विधानसभा चुनाव के बाद पूर्वी नगालैंड की मांगों का समाधान निकालेगी और मतदाताओं से भाजपा और एनडीपीपी को वोट देने की अपील की। वह 21 फरवरी को नगालैंड के तुएनसांग जिले में एक जनसभा के दौरान बोल रहे थे।

शाह ने कहा कि हम चुनाव के बाद पूर्वी नगालैंड के समाधान के साथ सामने आएंगे। गौरतलब है कि ईएनपीओ यह तर्क देते हुए अलग राज्य की मांग कर रहा है कि प्रशासनिक और राजनीतिक उपेक्षा के कारण पूर्वी नागालैंड विकास संकेतकों में राज्य के बाकी हिस्सों से पीछे है।

शाह ने आगे स्पष्ट किया कि इस चुनाव में कुछ लोग भ्रम पैदा कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि भाजपा अन्य दलों के उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक जनसभा के दौरान कहा कि नगा शांति समझौते को लेकर बातचीत जारी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस काम की शुरुआत की है, उसका फल जल्द मिलेगा। गृहमंत्री ने ये भी कहा कि वह उम्मीद कर रहे हैं कि पूरे पूर्वोत्तर भारत से जल्द अफस्पा कानून हटाया जा सकता है। बता दें कि उत्तर पूर्वी राज्यों में लंबे समय से अफस्पा कानून हटाने की मांग की जा रही है और यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है।

मंगलवार को नगालैंड के तुएनसांग इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि पूर्वी नगालैंड में विकास संबंधी कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगा शांति समझौते पर बातचीत चल रही है और उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई पहल से उत्तर पूर्व में शांति आ सकती है।

उत्तर पूर्व में उग्रवाद के मुद्दे पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा शासन में हिंसा की घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है।गृहमंत्री ने कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों में सुरक्षा बलों की मौत के मामलों में 60 फीसदी की कमी आई है। वहीं आम नागरिकों की मौतों के मामलों में 83 प्रतिशत की गिरावट आई है।

अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा नगालैंड के बड़े हिस्से से अफस्पा कानून हटा दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले तीन से चार सालों में पूरे उत्तर भारत से अफस्पा कानून को हटा लिया जाएगा। बता दें कि नगालैंड विधानसभा के चुनाव 27 फरवरी को होने हैं। वहीं चुनाव के नतीजे दो मार्च को घोषित किए जाएंगे।

बता दें कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) एक फौजी कानून है। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों और सेना को कई विशेष अधिकार मिलते हैं। इनमें बिना वारंट संदिग्ध व्यक्ति की गिरफ्तारी करने और चेतावनी के बाद भी कानून तोड़ने पर आरोपी की मौत तक बल प्रयोग का अधिकार शामिल है।

अशांत और उग्रवाद प्रभावित इलाकों में इस कानून को लागू किया जाता है। पूर्वोत्तर राज्यों में बीते कई सालों से यह कानून लागू है। इसे हटाने की मांग पुरानी है। अब अमित शाह के ताजा बयान से पूर्वोत्तर के लोगों की यह मुराद जल्द पूरी हो सकती है।

अपनी यात्रा के दौरान शाह ने नगा समाज द्वारा महिलाओं का सम्मान करने के तरीके की प्रशंसा की और इसका श्रेय भाजपा द्वारा नगालैंड से महिला राज्यसभा सांसदों की नियुक्ति को दिया। उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री बनने के बाद से उन्होंने नगा संस्कृति और परंपरा को करीब से देखा है और देश के लिए नगा लोगों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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