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अपनी ही फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला झालदा के किसान ने

राष्ट्रीय खबर

पुरुलियाः झारखंड के बिल्कुल सीमा से सटे इलाका झालदा के किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। इससे किसान परेशान है। इसी क्रम में वहां के एक किसान देवेन कोईरी ने अपने ही ट्रैक्टर से अपने पत्तागोभी की फसल को रौंद डाला। वह फसल का दाम नहीं मिलने से बहुत अधिक नाराज थे।

झालदा के हेसला गांव निवासी इस किसान के अलावा गांव के अधिकांश लोगों खेती से ही जुड़े हुए हैं। इस बार सभी ने पत्तागोभी की खेती की थी। अब बाजार में अधिक फसल आने की वजह से उसके दाम गिर गये हैं। नाराजगी इस बात को लेकर थी कि सब्जी खरीदने आये दलाल उन्हें तीन रुपया प्रति किलो का दाम देने की बात कर रहे हैं।

इतनी मेहनत और पैसा खर्च करने के बाद जो दाम मिल रहा है, उससे तो घर से घाटा होना तय है। ऐसे में बिचौलिये को इतनी कम कीमत पर घाटा उठाकर फसल बेचने की सोचकर ही देवेन बहुत अधिक नाराज हो गये थे। वैसे वह खुद अपने ट्रैक्टर से सारी फसल को रौंद देने के बाद में गलत मान रहे हैं लेकिन उनका यह तर्क भी सही है कि फसल की लागत से भी कम कीमत पर बेचने का क्या फायदा है।

उनके मुताबिक सारे खर्च को जोड़ लें तो एक पत्तागोभी उगाने की लागत ही तीन से चार रुपया है। इसमें किसान के परिश्रम की कीमत नहीं जोड़ी गयी है। जब फसल तैयार हुई है तो बाजार में इससे भी कम दाम मिल रहा है।

इस बात की चर्चा होने के बाद उसी गांव के मनींद्रनाथ कोयरी, धनंजय कोयरी, सनत कुमार कोयरी जैसे किसानों ने शिकायत की कि सिर्फ पत्तागोभी के साथ ही यह परेशानी नहीं है।

उनलोगों के मुताबिक फुलगोभी, कद्दु, सेम, बैगन, टमाटर के अलावा शीतकाल के किसी भी सब्जी का सही दाम नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसान को घर से घाटा उठाने की नौबत से यहां के किसान परेशान हैं। मामला अधिक चर्चा में आने के बाद स्थानीय पत्रकारों ने वहां यानी झालदा के प्रखंड विकास पदाधिकारी से भी संपर्क किया था।

झालदा एक नंबर ब्लॉक के बीडीओ राजकुमार विश्वास से इस बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने जानकारी से अनभिज्ञता जतायी लेकिन यह भी कहा कि अब चूंकि जानकारी मिली है, इसलिए वह खुद जाकर इस बारे में लोगों से बात कर सही जानकारी हासिल करेंगे।

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