राजनीतिसंपादकीय

राहुल और महुआ के सवालों का उत्तर मिलना चाहिए

राहुल गांधी ने नोंक झोंक के बीच ही लोकसभा में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को सवालों के घेरे में लिया दिया। उन्होंने अडाणी के साथ नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों तथा उससे अडाणी कंपनी को मिले फायदों और ठेकों का जिक्र किया। राहुल को टोकने वाले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी राहुल के निशाने पर तब आ गये जब अध्यक्ष ने उन्हें माइक बंद करने पर टोका। इस पर राहुल ने पलटकर कह दिया कि महोदय ऐसा तो आप करते हैं।

इससे साफ है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जिन बातों का जिक्र अपनी जनसभाओं में किया था, उससे सरकार असहज है।

दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ खड़ी नहीं होने वाली टीएमसी की मुखर सांसद महुआ मित्र ने भी बयान दिया है। यह सारे घटनाक्रम तब आये हैं जब शेयर बाजार में अडाणी समूह की स्थिति काफी संभली हुई दिख रही है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप अकाउंट फ्रॉड सहित विभिन्न धोखाधड़ी में शामिल है और अडानी के शेयरों को गलत तरीके से हैंडल किया गया है।

इसके बाद अडानी ग्रुप की हालत काफी खराब है। अडानी कंपनियों के शेयरों में बहुत बुरी गिरावट देखने को मिली है। विशेष रूप से, हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद से अब तक अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 70% की गिरावट आई है।

अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में सोमवार को 35% की गिरावट आई है। लेकिन मंगलवार को उसके शेयर गति पकड़ते नजर आये। वहीं इस विवाद में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा का बयान सामन आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी परिवार और सेबी अधिकारियों के बीच रिश्ता है।

उन्होंने इस रिश्ते का खुलासा करते हुए बताया कि सेबी के अधिकारी अडानी के समधी हैं। ममता बनर्जी की करीबी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि अडानी और सेबी के अधिकारियों के बीच सांठगांठ हुई है, इसी के चलते मनमानी हो रही है।

उन्होंने अडानी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अडानी सेबी के अधिकारियों के साथ रिश्ते की आड़ में हेराफेरी कर रहे हैं। महुआ मोइत्रा ने कहा, दिग्गज वकील सिरिल श्रॉफ का बड़ा सम्मान करती हूं लेकिन उनकी बेटी की शादी गौतम अडानी के बेटे से हुई है।

श्रॉफ कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड इनसाइडर ट्रेडिंग पर सेबी की समिति में कार्य करते हैं। अगर सेबी अडानी मामले की जांच कर रही है तो श्रॉफ को चाहिए कि वह खुद को सेबी से अलग कर लें। एक दिन पहले ही महुआ मोइत्रा ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच को पत्र लिखकर अडानी समूह की संस्थाओं में नियामक की जांच की स्थिति की मांग की।

महुआ पश्चिम बंगाल से सांसद और पूर्व वैश्विक बैंकर भी हैं। मोइत्रा ने लिखा, अडानी ग्रुप सीएफओ के बयान के आधार पर, ऐसा लगता है कि सेबी ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। अडानी ग्रुप ने अदालत में इस मामले को जीत लिया है और उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया है।

मैं यह समझना चाहूंगी कि मामले की जांच कब पूरी हुई? निष्कर्ष क्या थे? क्या कार्रवाई की गई? क्या कोर्ट गया? यह कब गया? मोइत्रा ने ट्वीट करके पूछा, अगर जांच पूरी नहीं हुई है, तो इतना समय क्यों लग रहा है? यह कब पूरा होगा?

क्या यह निवेशकों के सर्वोत्तम हित में है, खासकर जब समूह 20,000 करोड़ का एफपीओ कर रहा है और खुदरा निवेशकों के पैसे की मांग कर रहा है? इस जांच को पूरा किए बिना अडानी एंटरप्राइजेज को यह मंजूरी क्यों दी गई?’ हिंडनबर्ग रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज एफपीओ के सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने से ठीक पहले प्रकाशित हुई थी।

इस बीच जीवीके समूह के वाइस चेयरमैन जीवी संजय रेड्डी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उस आरोप का खंडन किया है, जिसमें कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने जीवीके समूह पर दबाव डाला और समूह से मुंबई एयरपोर्ट को जबरन उसके हाथ से लेकर इसे अडाणी समूह को सौंप दिया गया।

रेड्डी ने कहा, मुंबई एयरपोर्ट को बेचने के लिए अडाणी समूह या किसी और की तरफ से कोई दबाव नहीं था। अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड ने जुलाई 2021 में जीवीके से मुंबई एयरपोर्ट का अधिग्रहण किया था। आरोप प्रत्यारोप के बीच यह अच्छी बात हुई है कि गतिरोध टूटा है और संसद में काम काज चालू हो पाया है।

यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जनता के पैसे से ही संसद का संचालन होता है। वहां के गतिरोध का अर्थ जनता के पैसे की बर्बादी है। वैसे यह सवाल किसी भी सामान्य समझ वाले व्यक्ति के लिए जरूरी है कि दूसरे औद्योगिक और व्यापारी घरानों के मुकाबले अडाणी समूह का धन इतनी तेजी से कैसे बढ़ गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button