तुर्कीयाहादसा

भूकंप से 1150 लोगों की मौत, 5,300 से अधिक घायल

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, मदद का प्रस्ताव

इस्तांबुल: तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास स्थानीय समयानुसार सवेरे 04:17 बजे भूकंप का एक शक्तिशाली झटका महसूस किया गया है। पहले झटके के कुछ मिनट बाद एक और शक्तिशाली झटका महसूस किया गया जिसमें तुर्की और सीरिया में भारी तबाही मचाई है।

अब तक 1150 से अधिक लोगों के मरने की खबर है जबकि 5300 से अधिक अन्य घायल हैं। बीबीसी ने तुर्की आपदा प्रबंधन एजेंसी के हवाले से कहा है कि पूरे इलाके में एक के बाद एक 40 से अधिक झटके महसूस किए गए हैं।

तुर्की समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इसराइल और फिलस्तीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं जिसमें बड़े पैमान पर जान-माल का नुकसान हुआ है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप अर्दोगन ने कहा कि भूकंप से अकेले तुर्की में 912 लोगों की मौत हो गई है और 5,383 लोग घायल हो गए हैं। देश में आपातकाल लागू कर दिया है। वहां तेजी से राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है।

अधिकारियों के अनुसार सीरिया में भी भूकंप के कारण भीषण तबाही की ख़बर है। वहां अब तक 237 से अधिक लोगों की मौत की ख़बर है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य अभी जारी है और उन्हें नहीं पता कि हताहतों की संख्या कितनी बढ़ेगी।

तुर्की में सोमवार तड़के एक के बाद भूकंप के दो शक्तिशाली झटके महसूस किए गए हैं। बीबीसी ने बताया है कि भूकंप प्रभावित इलाकों में इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। तुर्की में तेजी से बचाव कार्य किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि अभी भी कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्की और सीरिया में सोमवार को विनाशकारी भूकंप में हुयी जन-धन की हानि पर गहरा दुख जताया है और दोनों देशों को संकट की इस घड़ी में भारत से सहायता की प्रतिबद्धता जतायी है।

श्री मोदी ने बेंगलुरु में विद्युत क्षेत्र पर एक सम्मेलन का उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए तुर्की में भूकंप से भारी हानि का जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा, वर्तमान में हम सभी की नजर तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर टिकी हुई हैं, जिसके कारण कई लोगों की दुखद मौत और व्यापक क्षति हुई है।

देश के 140 करोड़ लोगों की सहानुभूति तुर्की के भूकंप पीड़ितों के साथ है। हम भूकंप पीड़ितों की हरसंभव सहायता करने को तैयार हैं। हम संकट की इस घड़ी में सीरिया के लोगों के दुख से दुखी हैं और उन्हें सहायता और सहयोग देने को प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका और इजराइल सहित कई अन्य देशों ने भी मदद की पेशकश की है।

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