कियेबः यूक्रेन की सेना को अंदेशा है कि बर्फवारी रूकने के बाद रूसी सेना देश पर एक साथ कई मोर्चों पर जोरदार हमला करेगी। इसका एकमात्र मकसद उन तमाम इलाकों पर पूर्ण नियंत्रण कायम कर लेना होगा, जिन्हें ब्लादिमीर पुतिन रूसी इलाका घोषित कर चुके हैं।
इन इलाकों में रूसी सेना अब भी है लेकिन कई स्थानों पर यूक्रेन की सेना की मौजूदगी की वजह से इलाके पर रूस का पूर्ण नियंत्रण स्थापित नहीं हो पाया है। रूसी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने वालों का मानना है कि उनकी तरफ से सैनिकों की मोर्चाबंदी बदली जा रही है और किसी बहुत बड़े हमले के लिए गोला बारूद भी एकत्रित किये जा रहे हैं।
अभी जारी बर्फवारी के बीच रूसी सेना यह हमला नहीं करना चाहती है। वह इस मौके का फायदा उठाकर मोर्चाबंदी को मजबूत कर रही है ताकि एक साथ सभी तरफ हमला किया जा सके। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि युद्ध में यूक्रेन ने जिस तरीके का प्रतिरोध खड़ा किया है, शायद रूस को उसकी उम्मीद भी नहीं थी।
वैसे पोलैंड के रणनीतिक विशेषज्ञ पहले ही यह आशंका जता चुके हैं कि बर्फवारी रूकने के बाद हो सकता है कि रूस फिर से कियेब पर भी हमला करे। दूसरी तरफ यूक्रेन ने आशंका जतायी है कि इस बार यह हमला बेलारूस की तरफ से भी हो सकता है क्योंकि उस सीमा से कियेब की दूरी बहुत कम है।
यूक्रन के रक्षा मंत्री ओलेस्कील रेझनिकोव ने कहा कि औपचारिक तौर पर रूस ने इस इलाके में तीन लाख सैनिक होने की बात कही है। लेकिन गतिविधियों को देखने से यह साफ हो जाता है कि दरअसल यूक्रेन के इलाके में तीन लाख से अधिक रूसी सैनिक तैनात हैं।
आशंका है कि युद्ध के एक साल पूरे होने यानी 24 फरवरी को ही यह बड़ा हमला हो। इस बीच यूक्रेन को नये किस्म के हथियार और पहले से मिले हथियारो के लिए गोला बारूद उपलब्ध कराने का काम चल रहा है।
इस बीच पहले जर्मनी और बाद में ब्रिटेन ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें अत्याधुनिक युद्धक विमान देने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि इतने कम समय में उन्हें उड़ाने का प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता। दूसरी तरफ इस किस्म के विमान आने की स्थिति में रूसी हमला और तेज हो जाएगा।