दुबईः फ्रांस की नौसेना ने फिर से ईरान से हाउती विद्रोहियों को भेजे जाने वाले हथियारों की एक बहुत बड़ी खेप को जब्त किया है।
इससे चंद दिन पहले अमेरिकी नौसेना ने भी एक जहाज से ऐसे ही हथियार जब्त किये थे। इस बार फ्रांस की नौसेना ने गल्फ ऑफ ओमान से राइफल और गोलियो के अलावा रॉकेट लांचर के गोले तथा टैंक भेदी मिसाइल भी जब्त किये हैं।
ईरान द्वारा इसमें अपना हाथ होने से इंकार करन के बाद फ्रांस की सेना ने जब्त किये गये हथियारों की तस्वीर भी सार्वजनिक कर दी है। तस्वीरों को जारी करने के बाद यह बताया गया है कि दरअसल हथियारों की यह जब्ती गत 15 जनवरी को ही हुई थी।
एक छोटे से समुद्री रास्ते से इन हथियारों को भेजा जा रहा था। जिसे गश्त लगाती फ्रांस की नौसेना ने पकड़ा था। इस जहाज की तलाशी में सारे हथियार बरामद हुए हैं। इन हथियारों को ईरान से यमन में हाउती विद्रोहियों को भेजे जाने की जानकारी भी मिल गयी है।
पता चला है कि इस बार फ्रांस की नौसेना ने एक ही बार में तीन हजार एके 56 राइफल और उसके करीब छह लाख गोलियां पानी के जहाज से पायी है। इस जहाज पर रॉकेट लॉंचर के गोले तथा टैंक भेदी तोप के गोले भी भेजे जा रहे थे। यमन में जारी गृहयुद्ध में हाउती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है।
अब स्पष्ट होता जा रहा है कि यह हाउती विद्रोही ईरान से प्राप्त रॉकेटों से ही हमला किया करते हैं। यमन की सरकार को सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त है। लेकिन देश में कई इलाकों में अब गृहयुद्ध जैसी स्थिति है। बता दें कि फ्रांस ने भी अबू धाबी में अपना एक नौसेना का अड्डा स्थापित कर रखा है।
दरअसल इस केंद्र से खास तौर पर ईरान की समुद्री गतिविधियों पर ही नजर रखी जाती है। इस बार जो जब्ती हुई है उसमें सात टन मिसाइल ईंधन भी शामिल थे, जिन्हें खाद के बोरे मे छिपाकर भेजा जा रहा था।
हाउती विद्रोहियों ने इससे पहले कई अवसरों पर ऐसे मिसाइलों का इस्तेमाल सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के इलाकों तक में किया है।
जब्ती सूची में वैसे नाइट विजन सुविधा युक्त राइफल भी हैं, जो ईरान के पास पहले से हैं। दिखने में यह चीन में निर्मित एके 56 जैसे राइफल हैं। इसके अलावा रूस निर्मित मोलोट एकेएस20 यू और पीकेएम स्तर पर मशीन गन भी हैं। साथ ही इस जहाज पर 23 डब्बों में रखे गये एंटी टैंक मिसाइलें भी मिली हैं।