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लिक्विड क्रिस्टल पर काम करने के दौरान मिला
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छह सेकंड में दो सौ गुणा ऊंचाई हासिल करता है
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रोबोट के पांव में इसके इस्तेमाल पर काम जारी है
राष्ट्रीय खबर
रांचीः क्रिस्टल पर काम करते हुए ही शोध दल को अनजाने में ही एक बड़ी कामयाबी हाथ लग गयी है। इनलोगों ने रबर जैसी एक फिल्म को तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है जो अत्यधिक ऊंची छलांग लगा सकता है। दरअसल परीक्षण में यह पाया गया है कि यह अपने वजन की तुलना में दो सौ गुणा अधिक तक की छलांग लगा सकता है।
जीवित प्राणियों में ग्रास हॉपर यानी टिड्डी के जितना छलांग लगाने वाले इस पदार्थ की खोज होने के बाद उसका रोबोटिक्स की दुनिया में और कारगर इस्तेमाल होने की उम्मीद व्यक्त की गयी है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका साइंस एडवांसेज में इस बारे में एक शोध प्रबंध प्रकाशित किया गया है।
जिसमें इस नये पदार्थ की रासायनिक और भौतिक संरचना के बारे में वैज्ञानिक भाषा में जानकारी दी गयी है। मजेदार बात यह है कि यह पदार्थ गर्मी पाने की वजह से इतनी ऊंची छलांग लगाता है। ठंडा होने के बाद उसकी स्थिति यथावत हो जाती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलाराडो में यह काम किया गया है। इसकी छलांग देखकर लोग टिड्डी के पिछली टांगों में होने वाली छलांग लगाने की शक्ति से इसकी तुलना कर रहे हैं। साथ ही इसकी मदद से साफ्ट रोबोट बनाकर बेहतर काम करने की उम्मीद रखते हैं।
इस शोध प्रबंध के सहलेखक टिमोथी व्हाइट ने भी कहा है कि बिल्कुल टिड्डियों के पिछले पैरों से इसकी तुलना की जा सकती है जो इसकी बदौलत बहुत लंबी दूरी तक छलांग लगा लेता है। प्रोफसर व्हाइट यहां के केमिकल एंड बॉयोलॉजिकल इंजीनियरिंग विभाग के साथ जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रकृति ने टिड्डी को स्वाभाविक तौर पर उसके पैरों में अत्यधिक ऊर्जा रखने तथा छलांग लगाने का गुण प्रदान किया है। अब इस नये पदार्थ के जरिए हम वैसी ताकत साफ्ट रोबोटों के निर्माण में भी पैदा कर सकते हैं। छलांग लगाने के इस गुण से युक्त पदार्थ को अन्य रसायनों के साथ मिलकर साफ्ट रोबोट बनाया जा सकता है जो यह काम कर पाने में सक्षम होंगे।
तरल क्रिस्टल पर काम करने के दौरान ही इसे तैयार किया जा सकता है। शोध दल के सदस्य टेलर हेबनर ने कहा कि वे सभी तरल क्रिस्टल पर प्रयोग कर रहे थे। उन्होंने इसके लिए अलग अलग किस्म को एक साथ आजमाना जारी रखा था।
वे तापमान में होने वाले बदलाव से इन क्रिस्टलों की संरचना में होने वाले बदलाव को देख रहे थे। इसी बीच अचानक एक क्रिस्टल से बना पदार्थ जोर से ऊपर उछला। इसे देखने के बाद उसके तमाम गुणों का विश्लेषण कर वह फिल्म (परत) तैयार की गयी तो करीब दो सौ गुणा छलांग लगा सकती है।
इसमें तीन सतहों में इलास्टोमर है। यह सभी परत गर्मी पाकर सिकुड़ते हैं। इस प्रयोग में पाया गया कि सबसे ऊपरी दो सतह ज्यादा जल्दी सिकुड़ते हैं इसी वजह से वे छलांग लगाते हैं। अब इसी आधार पर साफ्ट रोबोटों को काफी ऊंची छलांग के लायक बनाने का काम हो रहा है। समझा जाता है कि इससे साफ्ट रोबोटिक्स की दुनिया ही बदल जाएगी।
अब सिर्फ इस दिशा में काम चल रहा है कि इसे बिना अतिरिक्त गर्मी के भी ऊंची छलांग लगाने के लायक बनाया जा सके। परीक्षण में पाया गया है कि यह मात्र छह सेकंड में दो सौ गुणा ऊंचाई तक पहुंच सकता है। साफ्ट रोबोट बनाने की दिशा में इस पदार्थ के सहारे रोबोट का पैर बनाने पर भी काम जारी है।
ताकि ऐसे किसी रोबोट को किसी खास दिशा में अथवा खास ऊंचाई तक पहुंचने के लिए निर्देशित भी किया जा सके। अब तक के सारे रोबोटों में ऐसा गुण नहीं है। इसलिए इस गुण के जुड़ जाने से रोबोटिक्स की दुनिया में बदलाव आ जाएगा। इसके साथ ही बडे आकार के मजबूत रोबोटों को इस पदार्थ के सहारे भारी भरकम काम सौंपने की दिशा में भी शोध अभी जारी है।