पंजाब के विधानसभा चुनाव में पार्टी के कई दिग्गजों की पराजय के बाद से कांग्रेस की गतिविधियां लगभग थम सी गयी थी। इस स्थिति को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने बदल दिया है। वहां पार्टी के अलावा भी सामाजिक संगठनों के कई ऐसे चेहरे राहुल गांधी से मिले हैं, जिनकी अलग छवि है।
लेकिन इनसे अलग दिवंगत सिद्धू मुसेवाला के पिता का उनकी यात्रा में शामिल होना रहा। वह वर्तमान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पंजाब में है, जहां बीते दिनों उन्हें शिरोमणि अकाली दल की प्रमुख हरसिमरत कौर बादल के आक्रमक तेवर का भी सामना करना पड़ा था। हरसिमरत ने राहुल को 1984 के सिख दंगे का जिक्र कर निशाने पर लिया था।
अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर भी पहुंचे थे। लेकिन राजनीतिक हमलों के बाद भी राहुल गांधी कमसे कम पंजाब में वह काम करते जा रहे हैं जो कांग्रेस के लिए फायदेमंद है। याद दिला दें कि चन्नी के मुख्यमंत्री होने के दौरान इसी पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना काफिला रोकना पड़ा था। उसी रास्ते पर राहुल गांधी पैदल ही आगे बढ़ रहे हैं।
यह अलग बात है कि पैदल चलते हुए अपनी जनसभाओं में वह जिन मुद्दों को उठा रहे हैं, वह केंद्र सरकार को असहज कर रही है। यहां तक कि अब गौतम अडाणी को भी पहली बार चैनलों में जाकर अपनी तरफ से सफाई देन पड़ रही है। इसके बीच ही आगे बढ़ते राहुल गांधी हिमाचल होते हुए पहले जम्मू और फिर कश्मीर में प्रवेश करेंगे।
जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियं ने खतरे का एलर्ट जारी किया है। यूं तो पहले भी कई बार राहुल गांधी का सुरक्षा घेरा टूटा है लेकिन दिल्ली का वीडियो यह दर्शाता है कि उनके साथ चल रही पुलिस टीम ने अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 18 जनवरी को हिमाचल में प्रवेश करेगी।
करीब 23 किलोमीटर की यह पैदल यात्रा होगी। इसकी शुरुआत सुबह साढ़े छह बजे से नीलवाह से होगी। इसके बाद काठगढ़ में एक जनसभा का भी आयोजन किया जाएगा। राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान प्रदेश के तमाम नेता और कार्यकर्ता उनके साथ-साथ चलेंगे। इस दौरान भारी जनसमूह भी राहुल गांधी को देखने और उनसे मिलने के लिए उमडऩे वाला है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री समेत तमाम सरकार अब कांगड़ा पहुंच रही है। इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में भारत जोड़ो यात्रा के पड़ाव को जश्र के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को सत्ता संभाले अभी एक महीना ही गुजरा है और कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करना शुरू कर दिया है।
ओल्ड पेंशन को बहाल किया गया है और इससे एक लाख 36 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद का यह पहला बड़ा राजनीतिक आयोजन है। राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा 19 जनवरी को जम्मू-कश्मीर पहुंचेगी और 30 जनवरी को यहां एक विशाल रैली के साथ संपन्न होगी।
राहुल गांधी 19 जनवरी को पंजाब-जम्मू सीमा पर लखनपुर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के स्वागत के लिए वहां एक ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसके बाद राहुल गांधी लखनपुर से कठुआ, सांबा होते हुए जम्मू के सतवारी चौक पहुंचेंगे, जहां एक जनसभा आयोजित की जाएगी।
उसके आगे के समापन समारोह के लिए लगभग सभी विपक्षी दलों क आमंत्रित किया गया है। अब उनमें से कितने लोग इसमें शामिल होते हैं, यह देखने लायक बात होगी। लेकिन इस बात पर संदेह करने की कोई गुंजाइश नहीं है कि अपनी यात्रा के जरिए राहुल गांधी पंजाब में सुस्त पड़ी कांग्रेस को सक्रिय बनाने में सफल रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू के परिवार के लोगों का उनके साथ चलना वहां की गुटबाजी को कम करने की कोशिश के तौर पर आंका गया है। जाहिर सी बात है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी छोड़ने और एक पड़ाव के बाद भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस को इस तरीके से ऑक्सीजन देना राजनीतिक तौर पर फायदे की बात है।
अब इसका कितना लाभ पंजाब कांग्रेस उठा पाती है, यह तो वहां के प्रादेशिक नेतृत्व पर निर्भर करता है। लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि जिस टी शर्ट की कीमत को लेकर भाजपा ने पहली बार राहुल गांधी पर तंज कसा था, वही टी शर्ट अब भाजपा के गले में हड्डी बन गया है। लोग अब भाजपा नेताओं से ठंड में टी शर्ट पहनने तथा इतनी दूरी तक पैदल चलने की शर्त पूरी करने की जिद करने लगे हैं। इससे अब भाजपा की परेशानी बढ़ रही है और कांग्रेस सक्रिय हो रही है।