तेहरानः ईरान के पूर्व उप रक्षा मंत्री अलीरेजा अकबरी को ईरान की सरकार ने मौत के घाट उतार दिया है। उन्हें फांसी दी गयी है। उनपर आरोप था कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार के लिए जासूसी का काम किया है। वैसे वह ब्रिटिश नागरिक भी थे।
वैसे ईरान की सरकार की तरफ से इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी गयी है। यह भी नहीं बताया गया है कि उन्हें कहां पर फांसी दी गयी है। दूसरी तरफ ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का इस घटना पर बयान आया है और उन्होंने कहा है कि एक ब्रिटिश नागरिक के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जो निंदनीय है।
उन्होंने इसे प्राचीन युग का निर्दयी न्याय कहा है। साथ ही आरोप भी लगाया है कि ईरान में अभी की सरकार ने मानवाधिकार उल्लंघन की सारी सीमा लांघ दी है।
बात बाहर आने के बाद सिर्फ इस बात की जानकारी मिल पायी है कि अकबरी के खिलाफ ब्रिटिश जासूसी संस्था एम 16 के लिए काम करने का आरोप लगा था। सरकार के पास उनकी ब्रिटिश गुप्तचरों के साथ लंबी बैठक का रिकार्ड मौजूद था।
इसके अलावा वह कई देशों में स्थापित जासूसी केंद्रों के साथ भी संचार संबंध बनाकर चल रहा है। यह भी आरोप है कि इस जासूसी के लिए उन्हें 1.8 मिलियन यूरो घूस में दिये गये थे। ईरान के उप रक्षा मंत्री पद से हटाये जाने के बाद अकबरी ने एक निजी कंपनी में योगदान किया था।
ईरान का आरोप है कि उसके बाद से ही उन्होंने ब्रिटिश गुप्तचर संस्था के लिए काम करना प्रारंभ किया था। तेहरान की ब्रिटिश दूतावास से एक वीजा हासिल करने के बाद उन्होंने ब्रिटिश गुप्तचरों के साथ नियमित संपर्क बना लिया था। इस क्रम में वह ऑस्ट्रिया तक गये थे, जहां उनकी मुलाकात ब्रिटिश जासूसों के साथ हुई थी। दुनिया के छह अलग अलग देशों में जाकर ब्रिटिश जासूसों से मिलने का रिकार्ड भी सरकार के पास पहुंचा था।