मॉस्कोः रूस ने दावा किया है कि खदान शहर सोलेदार पर अब उनका कब्जा हो चुका है। कई दिनों से इस शहर पर रूसी सेना लगातार हमला कर रही थी। अब रूसी सेना द्वारा कब्जा किये जाने की सूचना सार्वजनिक किये जाने के तुरंत बाद यूक्रेन ने इस दावे का खंडन किया है।
यूक्रेन ने कहा कि वहां अब भी दोनों सेनाओं को बीच जोरदार संघर्ष चल रहगा है। पूर्वी यूक्रेन का यह शहर अपने नमक के खदानों के लिए प्रसिद्ध है। दरअसल इस बड़े शहर पर कब्जा के साथ ही रूसी सेना का डोनबॉस के पूरे पूर्वी इलाके पर कब्जा हो जाएगा। उसके बाद वे मोर्चा पर तैनात यूक्रेन की सेना पर दोनों तरफ से हमला कर सकेंगे।
डोनबॉस के इलाके पर कब्जा का रूसी सेना का प्रारंभ से ही लक्ष्य रहा है। यूक्रेन के चार इलाकों को रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन रूसी क्षेत्र घोषित कर चुके हैं। इनमें डोनबॉस और लुहांस्क में पहले से ही रूस समर्थक हथियारबंद विद्रोही मौजूद थे। ये विद्रोही वर्ष 2014 से ही इन इलाकों को रूसी इलाका मानकर यूक्रेन की सरकार का विरोध करते आ रहे थे। अभी हालत यह है कि लुहांस्क के अधिकांश इलाके पर रूसी कब्जा है जबकि डोनेटस्क के आधा पर अब भी यूक्रेन की सेना मौजूद है।
हाल के दिनों में सोरेदार पर रूसी हमला बढ़ गया था। इस वजह से वहां संघर्ष भी तेज हो गया था। अब रूस की तरफ से इस शहर पर नियंत्रण होने का दावा किया गया है। वैसे दोनों तरफ से परस्पर विरोधी दावों में सच क्या है, इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पायी है।
रूसी सेना की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने सोलेदार पर कब्जा होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शेष इलाके पर नियंत्रण के लिए यहां पर रूसी सेना का स्थायी कब्जा होना जरूरी थी। उनके मुताबिक इस शहर पर नियंत्रण के बाद रूसी सेना बाखमुट के इलाके में यूक्रेन की सेना की सप्लाई लाइन का काट सकती है। बीच के इलाकों में जहां जहां भी यूक्रेन की सेना है, उन्हें सभी तरफ से घेरना संभव होगा। दूसरी तरफ यूक्रेन की सेना के प्रवक्ता शेरही चेरेवाटी ने कहा कि इस शहर में यूक्रेन के सैनिक अब भी मौजूद हैं और स्थिति उनके नियंत्रण में है।