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शरद यादव के निधन पर भाकपा ने शोक व्यक्त किया

रांचीः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान, राज्य सचिव महेंद्र पाठक, जिला सचिव अजय कुमार सिंह  ने  संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में जयप्रकाश आंदोलन में अग्रणी कतारों के नेता शरद यादव समाजवादी राजनीति के पुरोधा थे।

डॉक्टर लोहिया एवं मधु लिमए के विचारों से प्रभावित शरद यादव ने अपने जीवन के पांच दशक की राजनीति में गरीबों, हाशिए पर पड़े हुए लोगों, किसानों, और नौजवानों की आवाज संसद और संसद के बाहर बड़ी मजबूती से उठाई। बेरोजगार नौजवानों के सवालों को लेकर छात्रों ,नौजवानों के राष्ट्रव्यापी संघर्षों के आंदोलनों के एक सक्रिय नेता के रूप में हमेशा अगली पंक्तियों में रहे l

भारत सरकार के मंत्री के रूप में उन्होंने ने अपनी  पहचान और धाक बनाई। संकीर्णता  और सांप्रदायिकता के खिलाफ वह सदैव बोलते , लड़ते रहे। उक्त विचार व्यक्त करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं  ने कहा कि जीवन के अंतिम समय तक सभी धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और संविधान में विश्वास रखने वाली शक्तियों को संगठित करने के प्रयास में लगे रहे।

शरद यादव के देहांत से सांप्रदायिकता विरोधी संघर्ष और समाजवादी विचारों को स्थापित करने के महान कर्तव्य पथ पर आगे ले जाने के संघर्ष को गहरा झटका लगा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से उनके समर्थकों, प्रशंसकों और उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।

 

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