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भारी हथियारों से सेना पर फायरिंग की
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असली मकसद उसे ले जाने से रोकना था
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सुरक्षा प्रमुख ने कहा कानून से ऊपर कोई नहीं
मैक्सिकोः एक ड्रग माफिया के पुत्र को गिरफ्तार करने की कोशिश में मैक्सिको के कूलियाकान में युद्ध का माहौल बन गया। दरअसल जिस ड्रग माफिया के पुत्र को गिरफ्तार कर लाया जा रहा है, उसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना विशाल नेटवर्क स्थापित कर लिया है। हवाई अड्डे पर उसे विमान से ले जाने की कोशिशों के बीच हर तरफ अपराधियों ने एक साथ हमला बोला।
अपराधियों का असली मकसद गिरफ्तार युवक को अपने साथ ले जाना था। इस वजह से करीब चौबीस घंटे तक यह आतंक जारी रहा। इस बीच सरकारी स्तर पर दोनों तरफ की फायरिंग में 29 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली है। कूलियाकान के इलाके में सिनालोआ ड्रग कार्टल की ताकत का एहसास भी पहली बार सरकार को एहसास हो गया।
यह सारी हिंसा सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि सरकार ने ड्रग माफिया के पुत्र ओविडियो गुझमैन को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। मारे गये लोगों में मैक्सिको की सेना के दस जवान तथा अपराधियों की 19 लोग हैं। इस बीच मुठभेड़ में 35 सैनिक घायल भी हुए हैं। ड्रग माफिया सिनालोआ कार्टल के प्रमुख जोआक्वीन एल चापो गुझमैन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
उसके 32 साल के पुत्र पर इस माफिया गिरोह का संचालन करने का आरोप लगा था। इसी वजह से सरकार ने उसे गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया था। इस चौबीस घंटे के संघर्ष के बाद सुरक्षा प्रमुख रोसा इसेला रॉडरिग्स ने कहा कि अब पूरे देश को यह स्पष्ट संदेश दिया जा चुका है कि देश का कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। गिरफ्तार युवक को जेल में डाल दिया गया है। यह कार्रवाई तब हुई है जबकि अगले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन यहां के दौरे पर आने वाले हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक यह लड़ाई सुबह करीब पौने पांच बजे से प्रारंभ हुई। शहर से करी 35 मील उत्तर में सेना ने एक बड़ा काफिला गुजरते देखा। इसमें 25 वाहन शामिल थे। सेना द्वारा रोके जाने पर ड्रग माफिया गिरोह के अपराधियों ने भारी हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। इससे सात सैनिक मारे गये।
उस घटना से पता चल गया कि इन अपराधियों के पास 0.50 कैलिबर का मशीन गन भी है। उसके बाद सेना ने इसे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी। सैन्य कार्रवाई के बाद पता चला कि इस गिरोह के पास वैसे भारी हथियार भी थे, जो अमेरिकी सेना के पास है। अमेरिकी ने ही अपने देश में नशे के कारोबार के लिए इस गिरोह को जिम्मेदार ठहराते हुए गिरफ्तार किये गये युवक पर पहले से ही पांच मिलियन डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है।
गिरफ्तारी के बाद गिरोह के अन्य सदस्य शहर की दूसरी सड़कों पर उपद्रव मचाने लगे। इनलोगों ने गाड़ियों में आग लगा दी और कई स्थानों पर अवरोधक खड़े कर दिये। उनका मकसद गिरफ्तार किये गये युवक को हवाई अड्डे तक पहुंचने से रोकना था। यहां तक कि हवाई अड्डे के बाहर भी काफी देर तक फायरिंग होती रही। इसके बाद भी सेना के आगे अपराधी टिक नहीं पाये। वैसे यह स्पष्ट हो गया कि दरअसल इन इलाकों में ड्रग माफिया का कितना आतंक हैं और उनके पास कैसे कैसे हथियार हैं। शायद इसी आतंक की वजह से पहले सरकार इनके खिलाफ सीधी कार्रवाई करने से बचती रही थी।
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