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चुनाव लड़ते वक्त चीन में बैंक खाता होने की जानकारी नहीं दी

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक के बाद एक राज उजागर

  • विदेशी बैंक खाता की जानकारी छिपायी थी

  • राष्ट्रपति रहते हुए भी गलत जानकारी दी थी

  • जांच रोकने के लिए भरपूर प्रयास भी किया था

वाशिंगटनः पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आयकर की जांच में हर बार नये तथ्य निकल कर सामने आ रहे हैं। यह तो पहले ही पता चल गया था कि अमेरिका राष्ट्रपति पद पर होते हुए भी उन्होंने गैर सरकारी कमाई की थी, जो कानूनन गलत था। इसके अलावा एक विवादास्पद और उत्तर कोरिया से संपर्क रखने वाली कंपनी के साथ भी उनकी कंपनी का कारोबार होता रहा था, इसका खुलासा भी पहले हो चुका है।

अब जानकारी मिल रही है कि उनके छह साल के आयकर रिटर्न के दस्तावेज सामने लाये गये हैं। इससे पता चला है कि डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप ने वर्ष 2020 के लिए कोई कर नहीं चुकाया था। उनके कर भुगतान के मामले की जांच प्रारंभ होने के बाद से ही ट्रंप इस जांच को रोकने की भरसक कोशिश कर रहे थे।

अब पहली बार यह पता चला है कि अपने चीन के बैंक में खाता होने के बारे में भी ट्रंप से देश को गलत जानकारी दी थी। उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के पहले यह कहा था कि चीन के उस बैंक खाता को वर्ष 2015 में बंद कर दिया गया था। यानी उनके मुताबिक राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के वक्त उनके पास कोई विदेशी बैंक खाता नहीं था। अपने घोषणा पत्र में ट्रंप ने जो बताया था वह उनके आयकर रिटर्न से मेल नहीं खाता है।

आयकर रिटर्न के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के पास चीन और आयरलैंड में भी बैंक खाता था। अब उनके दस्तावेज सार्वजनिक किये जाने के बाद पता चल रहा है कि राष्ट्रपति का चुनाव प्रचार प्रारंभ करने के वक्त ट्रंप और उनकी पत्नी ने आयकर के मद में छह लाख 41 हजार डॉलर टैक्स भरा था।

राष्ट्रपति पद के अंतिम साल में उन्होंने आयकर का भुगतान ही नहीं किया था। इसी साल ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति पद का चुनाव भी लड़ा था और ढेर सारे विवादों के बाद अंततः वह इस चुनाव में पराजित हो गये थे। जांच एजेंसी ने छह हजार पन्नो की रिपोर्ट में ट्रंप के तमाम कारोबार की जानकारी भी विस्तार से दी गयी है।

अब चीन में बैंक खाता क्यों था, यह सवाल अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। दरअसल दक्षिण कोरिया की एक कंपनी के साथ ट्रंप की कंपनी की साझेदारी के संबंध में यह पता चला था कि दरअसल उस कंपनी का उत्तर कोरिया के शासक के साथ रिश्ता था। अब चीन में बैंक खाता क्या इसी कारोबार की वजह से था, इस सवाल का उत्तर अब तक नहीं मिल पाया है।

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