मॉस्कोः रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन का युद्ध समाप्त हो, ऐसा रूस भी चाहता है। रूस प्रारंभ से ही शांति का पक्षधर रहा है। यह तो पश्चिमी देशों की चाल है कि वे यूक्रेन को आगे कर दरअसल रूस पर हमला करना चाहते हैं। इसकी भनक काफी पहले से मिल रही थी। जब पानी सर से ऊपर आ गया तो मजबूरी में रूस ने अपनी आजादी के लिए ऐसा कदम उठाया क्योंकि यूक्रेन के अंदर नाजीवाद के समर्थक अंदर ही अंदर काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नाजीवाद जिंदा है, इसका पुख्ता प्रमाण तो हाल ही में जर्मनी में भी मिल गया है। पुतिन के इस एलान के साथ साथ रूसी सेना ने बेलारूस की सेना को प्रशिक्षण देने का काम प्रारंभ कर दिया है। इसी वजह से यह आशंका बढ़ती ही जा रही है कि अब बेलारूस के रास्ते से भी रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी पर हमला करने की तैयारी कर रही है।
इस सीमा से कियेब की दूरी बहुत कम है, इसी वजह से यह खतरा और बड़ा आंका जा रहा है। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन युद्ध से जुड़े सभी पक्षों के साथ वह वार्ता के लिए हमेशा तैयार है लेकिन वह अपनी स्वायत्तता की शर्त पर समझौता नहीं करेगा। इस बयान का अर्थ यह है कि यूक्रेन के जिन इलाकों को रूस ने अपनी सीमा घोषित कर दिया है, वहां की स्थिति में अब कोई बदलाव रूस को स्वीकार नहीं होगा।
पुतिन का आरोप है कि यूक्रेन और उसके मददगार देश की शांति के पक्ष में नहीं है। इस बयान के साथ ही रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि यूक्रेन की इस स्थिति के लिए काफी हद तक अमेरिका भी जिम्मेदार है, जिसे यहां पर अपने पुराने पड़ चुके हथियारों को खपाने का मौका मिल गया है। इस क्रम में उन्होंने फिर यह बात दोहरायी है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के अमेरिका दौरे में जिस पेट्रियॉट मिसाइल का माहौल बनाया जा रहा है, वह रूसी मिसाइल के मुकाबले बहुत कमजोर है। इसलिए उन हथियारों के आने पर रूसी सेना उन्हें मुंगफली की तरह तोड़कर रख देगी।