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कोरोना पर कहासुनी पर सावधानी जरूरी

कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा राहुल गांधी को लिखे गये पत्र पर राजनीति होने लगी है। कांग्रेस की तरफ से कई लोगों ने यह सवाल उठा दिया है कि क्या केंद्रीय मंत्री ने ऐसा पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथवा भाजपा की तरफ से रैलियां निकालने वाले दूसरे नेताओं को भी लिखा है।

राजनीतिक तौर पर कांग्रेस का यह तर्क सही है लेकिन यह भी सही है कि इतनी अधिक संख्या में एक साथ चलते लोगों के बीच कोरोना के नये वेरियंट के फैलने का खतरा अत्यधिक है। इसलिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस बात पर सावधानी बरते जाने की जरूरत है। वैसे औपचारिक जानकारी के मुताबिक चीन वाले कोरोना वैरिएंट की भारत में भी एंट्री हो गई है।

अभी तक तीन लोगों के कोविड 19 के इस नए वैरिएंट बीएफ 7से संक्रमित होने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अपडेट के मुताबिक एक मामला गुजरात के वडनगर का है। महिला को एनआरआई बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बीएफ 7का पहला केस अक्टूबर में गुजरात बायोटेक्नॉली रिसर्च सेंटर में पता चला।

बीएफ 7ने चीन में तबाही मचाई हुई है । कोरोना के जो तीन मामले में मिले हैं उनमें दो गुजरात और एक केस ओडिशा से संबंधित है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर संक्रमण के नमूनों की जिनोम सिक्वेंसिंग जांच कराने की बात कही है। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि वैज्ञानिक शोध में यह पाया गया है कि अब तुरंत का संक्रमण प्रचलित आरटीपीसीआर विधि से पकड़ा नहीं जा रहा है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने बुधवार को लोगों को टीका लेने तथा भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। डॉ. पॉल ने भारत की केवल 27-28 प्रतिशत योग्य आबादी के कोविड-19 की एहतियाती खुराक लेने का जिक्र किया। उन्होंने लोगों से नहीं घबराने की अपील की। पॉल ने कहा कि लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना चाहिए। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या बुजुर्ग हैं, उन्हें विशेष रूप से इसका पालन करना चाहिए।

गुजरात के वडनगर में एक महिला शायद विदेश से आयी हैं। वडोदरा में एक एनआरआई महिला में इसके लक्षण मिले थे। वह अमेरिका से वडोदरा आई थी। उसके कॉन्टैक्ट में आए 2 अन्य लोगों की भी जांच हुई थी। हालांकि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। बाद में महिला ठीक हो गई थी। इसके अलावा BF-7 के दो अन्य केस अहमदाबाद और ओडिशा में भी मिले थे।

इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, पर भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। हमने सभी संबंधित लोगों को अलर्ट रहने और निगरानी बढ़ाने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक एयरपोर्ट्स पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स से आने वाले यात्रियों की रैंडम सैंपलिंग भी शुरू कर दी गई है। इसके बीच ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा से होते हुए अब दिल्ली की तरफ बढ़ रही है।

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि केंद्रीय मंत्री ने जिस खतरे की तरफ आगाह किया है, वह इस यात्रा में मौजूद है। राहुल गांधी की यात्रा में जितनी संख्या में लोग हर रोज जुट रहे हैं, वह कोरोना संक्रमण को विस्फोट में बदल देने के लिए पर्याप्त आधार देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वहले ही यह पता चल चुका है कि कोरोना का नया  वेरियंट पहले के मुकाबले बहुत अधिक संक्रामक है और एक संक्रमित अपने आस पास के 18 लोगों को बहुत कम समय में संक्रमित कर देता है।

लेकिन जिस तरीके की बयानबाजी पहले से होती आयी है, उस कारण इसमें राजनीति की बू का आना भी स्वाभाविक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राहुल गांधी को लिखा है कि देश में एक बार फिर से कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है, हेल्थ इमरजेंसी के हालात हैं। देश को बचाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा रोक दें।

सरकार की अपील पर कांग्रेस ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा से मोदी सरकार बौखलाई हुई है। क्या गुजरात चुनाव में पीएम मोदी मास्क लगाकर गए थे? मंडाविया ने कहा है कि किसी खास के लिए सबको खतरे में नहीं डाला जा सकता। मैं तो सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री होने का कर्तव्य निभा रहा हूं।

कोई ये सोचता है कि कोई मंत्री उनसे सवाल कैसे कर सकता है तो हम उनकी मानसिकता का क्या कर सकते हैं? इस पर मुझसे सवाल करना मेरे काम में बाधा डालने जैसा है। इसलिए कोरोना के खतरे के बीच इसमें राजनीति का संदेह उत्पन्न होना लाजिमी है। तो क्या वाकई भाजपा सरकार अब राहुल गांधी के दिल्ली प्रवेश से डर गयी है, यह राजनीतिक सवाल भी कोरोना के साथ साथ उभर रहा है।

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