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फिर से किसान आंदोलन करने का एलान हुआ

  • इस बार तीन नई मांगों को शामिल किया गया

  • कई नहीं पहुंच पाये तो 24 को अगली बैठक होगी

  • प्रारंभिक तौर पर 26 जनवरी को फिर प्रदर्शन का फैसला

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः हरियाणा के करनाल के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में देश भर के करीब 17 राज्यों के किसान नेताओं ने शिरकत की। करीब पांच घंटे तक चली बैठक में फसलों की एमएसपी और किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केसों सहित कई अन्य प्रमुख मांगों पर किसान नेताओं ने चर्चा की गई। कुछ अन्य किसान संगठनों के सदस्य मीटिंग में नहीं पहुंच पाए, इस वजह से आगामी फैसले के लिए 24 दिसंबर को दोबारा करनाल में मीटिंग बुलाने का निर्णय हुआ। मीटिंग से बाहर आए किसान नेताओं ने कहा कि आज कुछ किसान संगठन किसी कारण वश मीटिंग में नहीं पहुंच पाए। जिसको लेकर अगली मीटिंग 24 दिसंबर को करनाल में रखी गई है।

किसान संगठनों के इस एलान से स्पष्ट हो गया है कि वे फिर से केंद्र सरकार से दो दो हाथ करने की तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर चले आंदोलन के बाद आश्वासन के अलावा किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से कोई लाभ नहीं दिया गया है। यहां तक कि जो कमेटी बनाने की बात कही गयी थी, वह भी नहीं हुआ है। इसलिए फिर से टकराव के आसार बनने लगे हैं।

आज की बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि एसकेएम कोई दो फाड़ नहीं हुआ है। एसकेएम आज भी वही है जो किसान आंदोलन के दौरान था। बैठक में 26 जनवरी को राष्ट्र स्तर पर प्रदर्शन पर सहमति बनी। इसका प्रारूप 24 दिसंबर की बैठक में तय होगा। एसकेएम पंजाब के किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहा ने बताया कि किसानो की जो मांगे अबतक लंबित है उनको लेकर आज करनाल में मीटिंग रखी गई थी। इस मीटिंग में कुछ जत्थेदार यानी प्रमुख नेता शामिल नहीं हो सके थे जिसके चलते अब अगली मीटिंग 24 दिसंबर को रखी गई है। जिसमें सभी संगठनों के नेता मीटिंग में हिस्सा लेगें।

लेकिन आज की मीटिंग में ये जरूर तय हो गया कि 26 जनवरी वाले दिन कोई न कोई बड़ा प्रदर्शन अखिल भारतीय स्तर पर होगा लेकिन प्रदर्शन क्या होगा सभी किसान संगठनों की सहमति लेकर ही करेंगे। उन्होंने कहा कि आज मीटिंग में जो दिल्ली मोर्चा के समय लंबित मांगे रह गई थी उनको चर्चा की और और इसमें हमने तीन मांगे और जोडी हैं। जिसमें किसानों का कर्जा, बीमा स्कीम और किसानों की पेंशन की। इन सभी मांगों को लेकर आज मीटिंग रखी गई थी।

किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा कि हमारा एसकेएम का नियम है कि हर बार तीन अध्यक्ष बनाए जाते है। आज भी तीन अध्यक्ष चुने गए है। आज की मीटिंग का मुख्य एजेंडा था अब तक किसान मोर्चा द्वारा किए कामों की समीक्षा करना, आगे के कार्यक्रम तय करना, भूमि अधिकरण के बारे में हम क्या सोचते है, लंबित पड़े केसों है उन पर क्या प्रोग्रेस है व लखीमपुर खीरी केस में गिरफ्तार किसानों की रिहाई सहित कई किसानों की मुख्य मांगों को लेकर चर्चा की गई।

अब दोबारा 24 दिसंबर को यहीं पर दोबारा मीटिंग रखी गइ है। जिसमें वो किसान संगठन भी शामिल होगें जो आज नहीं पहुंच पाए थे। उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। रूद्वारा डेरा कार में हुई एसकेएम की मीटिंग में जोगिंदर सिंह उगराहा (भारतीय किसान एकता राष्ट्रीय अध्यक्ष), डॉ दर्शन पाल, रुलदु सिंह मानसा, सुरेश कोथ (हरियाणा), अमरजीत मोहड़ी, रतन मान (भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष), गौरव पटेल (युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ),बहादुर सिंह महला, श्याम सिंह मान तथा अलग-अलग राज्यों से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र ,उत्तराखंड, राजस्थान झारखंड व कर्नाटक से भी कई किसान नेताओं ने हिस्सा लिया।

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