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दिल्ली में और बढ़ी जीत होगी हमारी
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गुजरात से पार्टी को बहुत बेहतर की उम्मीद
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हर एक्जिट पोल में आप को नीचे दिखाया जाता है
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। उन्होंने एक्जिट पोल के नतीजों पर कहा कि हर बार ऐसे सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी को विफल ही बताया जाता है। ऐसा आप के गठन के बाद से ही होता आ रहा है। इसलिए इन्हें अंतिम निष्कर्ष नहीं माना जाना चाहिए।
उन्होंने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बारे में आये नतीजों के बारे में कहा कि असली नतीजे इससे भी बेहतर आयेंगे। उन्होंने दिल्ली की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दरअसल अब दिल्ली की जनता को जनता का काम कैसे किया जाता है, यह अपनी खुली आंखों से दिखने लगा है।
दूसरी तरफ पिछले पंद्रह वर्षों में भाजपा ने एमसीडी में जो भ्रष्टाचार किया था, वह भी जनता जानती है। इसलिए चुनाव टालकर तीनों नगर निगमों को एक करने की भाजपा की चाल का जनता ने जबाव दिया है। गुजरात के बारे में भी उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी गुजरात में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद करती है क्योंकि वहां की जनता को पहली बार एक नया विकल्प मिला है।
इसलिए एक्जिट पोल को स्वीकार करने से बेहतर है कि असली चुनाव नतीजों के आने तक इंतजार किया जाए। याद दिला दें कि केजरीवाल ने इस गुजरात चुनाव में अपनी जीत का सार्वजनिक दावा पहले ही कर दिया था। एक्जिट पोल मे आम आदमी पार्टी को गुजरात में औसतन दस सीटें मिलने की उम्मीद जतायी गयी है जबकि कांग्रेस को दूसरे नंबर पर रखा गया है।
इधर केजरीवाल ने दावा किया है कि कांग्रेस को इस बार बहुत कम सीटें मिलने जा रही हैं। गुजरात के चुनाव में भी पहली बार आम आदमी पार्टी ने जोरदार प्रचार किया था और सोशल मीडिया की बदौलत उसने अलग रंग जमाया था। पार्टी की रैलियों में होने वाली भीड़ से भी पार्टी की उम्मीद बढ़ी थी। एक्जिट पोल के निष्कर्षों पर श्री केजरीवाल ने कहा कि अगर किसी नई पार्टी को बीस प्रतिशत वोट भी मिल रहे हैं तो यह कोई छोटी बात नहीं है। लेकिन हर किसी को मतगणना तक का इंतजार कर लेना चाहिए।
इधर एक्जिट पोल के संकेत यह बता रहे हैं कि गुजरात में इस बार भारतीय जनता पार्टी रिकार्ड जीत दर्ज करने जा रही है। इस जीत से पार्टी एक नया रिकार्ड भी कायम करेगी। दरअसल गुजरात के चुनाव के लिए खुद नरेंद्र मोदी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। यह साफ है कि भाजपा की इस जीत के पीछे अकेले नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ही योगदान होगा।
वैसे भी यहां के चुनाव प्रचार में उनके अलावा किसी दूसरे नेता की चर्चा तक नहीं हो रही थी। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की तरफ से दो मुख्यमंत्रियों ने मोर्चा संभाल रखा था। साथ में उनके स्थानीय और दूसरे राज्यों से आये कार्यकर्ताओं ने भी पूरा दम लगाया था। कांग्रेस की तरफ से चुपचाप प्रचार की चर्चा के बाद इसे गंभीरता से इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि एक्जिट पोल में हिमाचल के चुनाव में कांटे की टक्कर होने के संकेत मिले हैं।