जलपाईगुड़ीः डुआर्स जंगल के इलाके में बाघ ने फिर एक व्यक्ति को घायल कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक क्रांति ब्लॉक के देवीपुर चाय बगान के इलाके में नेवड़ा मोड़ निवासी भेंगचेंद उरांव पर यह हमला हुआ है। वह पास के गांव में अपने रिश्तेदार के यहां गये हुए थे। शाम करीब साढ़े चार बजे वह अपनी साइकिल से घर लौट रहे थे। चाय बगान के बगल के रास्ते से गुजरते वक्त अचानक बाघ ने उस पर हमला कर दिया।
घायल ने बताया कि चाय बगान के जंगल में भी बाघ हो सकता है, इसकी उम्मीद उन्हें नहीं था। अचानक छलांग मारकर बाघ ने उसके हाथ को पकड़ लिया। साइकिल पर होने की वजह से वह नीचे गिरे और साइकिल के शोर से ही बाघ शायद घबड़ाकर भाग गया। किसी तरह पास के लोगों को सूचना देने के बाद वहां के लोगों ने एंबुलेंस की मदद से उसे अस्पताल भेजा और वहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद ही उसे रिश्तेदारों के साथ बड़े अस्पताल में फिर से जांच करा लेने को कहा गया है। इस इलाके में हाल के दिनों में मवेशियों पर हमले की घटनाएं पहले ही जानकारी में आ चुकी हैं। कई इलाको में लोगों ने खेत में रहते वक्त भी बाघ को देखा है।
कुछ इलाकों में बाघ होने की सूचना पर वन विभाग की तरफ से पिंजड़े भी लगाये गये थे। लेकिन अब तक कोई बाघ पकड़ में नहीं आया है। यह बाघ अकेला है या फिर इस इलाके में और भी बाघ जंगल से निकल कर आ गये हैं, उसकी भी पुष्टि नहीं हो पायी है। फिर भी पहले से पैरों के निशान के आधार पर अब इस बार के घटनास्थल की जांच की जा रही है।
इससे पता चल पायेगा कि पहले जिस बाघ को काफी दूर पाया गया था, कहीं वही तो घूमता हुआ यहां तक नहीं आ पहुंचा है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री करिनूल हक ने वन विभाग से इस बारे में ठोस कदम उठाने की मांग की है और कहा है कि इस आतंक की वजह से गांव वाले जंगल के साथ साथ चाय बगान में भी नहीं जा पा रहे हैं। दूसरी तरफ बाघ के आतंक की वजह से खेती भी प्रभावित हो रही है।