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पहला दिन गरम तो दूसरे दिन नरम रही बंगाल की मुख्यमंत्री

  • जनता के घर पर बना राशन के चावल का भोजन

  • साथ में नदी से पकड़ी गयी मछली की सब्जी

  • बच्चों और महिलाओं के बीच गर्म कपड़े बांटे

प्रवीर चटर्जी

सुंदरबनः यहां के इलाके में कल पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के नाराज तेवर को देखकर समूचा प्रशासन सहमा हुआ था। आज लेकिन तस्वीर बिल्कुल दूसरी दिखी। वह आज आराम से चारों तरफ घूमती और लोगों से मिलती रही। कल अपने साथ लाये गर्म कपड़ों का वितरण नहीं होने की वजह से ममता बनर्जी ने अपना कार्यक्रम करीब पंद्रह मिनट तक रोक दिया था। वह मंच पर चुप होकर बैठ गयी थी और कह दिया था कि वह अपने साथ जो गर्म कपड़े लायी हैं, जब तक उनका वितरण नहीं होता वह कुछ नहीं करेंगी।

दरअसल उनके साथ लाये गये गर्म कपड़े हड़बड़ी में बीडीओ के कार्यालय में भी छूट गये थे। आज सीएम ने दूसरे कार्यों के अलावा इच्छामती नदी में लॉंच की न सिर्फ सवारी की बल्कि चालक के बगल में खड़े होकर इसे चलाया भी। अपने अलग अंदाज के लिए लोकप्रिय ममता बनर्जी ने इसी बीच हसनाबाद इलाके में आम भोजन किया।

अपने हाथ में भोजन की थाली लेकर भोजन करते वक्त ही वह स्थानीय लोगों से उनकी परेशानियों की जानकारी लेती रही। उनक लिए यहां किसी खास भोजन का इंतजाम भी नहीं किया गया था। वहां के लोगों के घरों से आये भोजन को भी ममता ने भी खाया। उनके साथ चल रहे दल ने यह साफ देखा कि एक खास किस्म की मछली के साथ चावल और अन्य सब्जी खाकर ममता बनर्जी ने अपना दोपहर का भोजन किया।

दो दिन के सुंदरवन दौरे पर आयी मुख्यमंत्री आज सुबह ही टाकी से यहां पहुंची थी। वहां पहुंचते ही वह सरकारी प्राइमरी स्कूल चली गयी। स्कूल में क्लास चल रहा था। अचानक मुख्यमंत्री के आने से स्कूल के शिक्षक और छात्र हतप्रभ हो गये थे। कुछ देर के बाद अपने अंदाज की वजह से वह बच्चों के बीच घुल मिल गयी और उन्हें गर्म कपड़े बांटे।

बच्चों से बात चीत कर लेने के बाद वह सीधे गांव की महिलाओं के बीच चली गयी। वहां भी गर्म कपड़ों का वितरण किया। इस दौरान ग्रामीण महिलाएं भी उन्हें घेरकर बैठ गयी। वहां घास की चटाई कैसे बनायी जाती है, यह भी ममता बनर्जी ने ध्यान से देखा। शाम को उन्होंने नदी की सैर की और कुछ समय तक खुद ही लॉंच को चलाते हुए उसके चालक से बात चीत की।

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