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ढाकाः आम तौर पर अमीर होने के जो स्थापित नियम हैं, उसे इस युवक ने गलत साबित कर दिया है। वह न तो बड़ा कारोबारी है और ना ही किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के ऊंचे पद पर नौकरी करता है। काफी गरीबी से ऊपर उठते हुए उसने खेती से यह सफलता हासिल कर ली है। आज की तारीख में हलीम नामक युवक की वार्षिक आय करोड़ रुपये से अधिक है।
यह युवक बांग्लादेश के टांगाइल इलाके के भवानीटेकी गांव का निवासी है। इसके बारे में चर्चा होने के बाद मीडिया वालों ने उससे संपर्क किया था। इसमें हालीम ने खुद बताया है कि उसके पिता भी किसान ही थे। मयमनसिंह के आनंद मोहन कालेज से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह लगातार किसी ने किसी जरिए रोजगार करने की कोशिशों में जुटा था। चूंकि परिवार में खेती की जानकारी थी इसलिए वह पहले से ही खेती को जानता था।
इसलिए नौकरी के पीछे नहीं दौड़ने का फैसला कर वह अपने गांव लौटकर अपने पिता की मदद करने में व्यस्त हो गया था। पिता की जमीन पर खेती से कोई अधिक लाभ नहीं होता था। लेकिन वर्ष 2005 में उसके पिता ने हज के लिए जाते वक्त खेती की पूरी जिम्मेदारी इस युवक को सौंप दी थी। लगातार दो महीनो तक खेती में व्यस्त रहने के बाद उनकी रूचि खेती की तरफ हो चुकी थी।
इस बीच उन्होंने अनानास, धान और सब्जी की भी खेती में हाथ आजमाया। इन फसलों की खेती से उसे कोई बेहतर लाभ नहीं मिला। इसके बाद वह राजशाही जाकर वहां से अमरुद की खेती की तकनीक सीखकर लौटे। गांव लौटने के बाद वर्ष 2018 से उन्होंने इसमें हाथ आजमाना प्रारंभ कर दिया। इस बीच यूट्यूब देखकर भी अन्य फसलों की खेती का प्रयास बहुत अधिक लाभजनक नहीं हुआ था।
अमरूद की खेती प्रारंभ करने के बाद एक साल के बाद उसके बाग में अमरूद के छह हजार पेड़ हो चुके थे। इन पेड़ों में फसल आना प्रारंभ होने के बाद ही उसकी किस्मत चमकने लगी। आधुनिक विधि से खेती करने की वजह से उसे अपने हर पेड़ से करीब डेढ़ मन अमरूद की फसल मिली। इन्हें बाजार में सस्ते भाव में बेचने के बाद भी वह अब करोड़पति बन चुके हैं।
अच्छी बात यह है कि उसकी सफलता को देखकर आस पास के अन्य किसान भी इसे आजमा रहे हैं। नतीजा है कि वहां के बहुत बड़े इलाके में अब अमरूद की खेती होने लगी है। खेती का दायरा बढ़ने की वजह से अब वहां के अमरूद की मांग भी बढ़ने लगी है और अमरूद का बाजार उनके खेतों तक आ पहुंचा है। अब अमरूद की खेती में सफलता हासिल करने के बाद वह अपने इलाके में केला, मकई, कॉफी और काजू की खेती के साथ साथ पहले से चालू धान और अनानस की खेती भी कर रहा है।