काठमांडूः सत्तारूढ़ गठबंधन के मुखिया शेर बहादुर देउबा और माओवादी नेता प्रचंड के बीच सरकार बनाने पर सहमति होने की सूचना है। यहां नेपाली कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत हासिल हुई है जबकि सदन में स्पष्ट बहुमत के लिए 138 सीटों की आवश्यकता पड़ती है।
यहां की 110 सीटों का चुनाव आनुपातिक चुनाव पद्धति से होता है। इसलिए सीपीएन माओवादी और सीपीएन यूनिफाइड सोशलिस्ट की 26 सीटों का समर्थन मिलने के बाद देउबा सरकार बनाने की स्थिति में होंगे। देउबा की नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने शनिवार को नेपाल के संसदीय चुनाव में अपनी बढ़त बनाए रखी। अभी तक प्रत्यक्ष मतदान चुनाव प्रणाली के तहत 150 सीट के परिणाम घोषित हुए हैं जिनमें से नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 77 सीट पर जीत हासिल की है।
देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा की 165 सीट का चुनाव प्रत्यक्ष मतदान से होता है, जबकि शेष 110 सीट का चुनाव आनुपातिक चुनाव प्रणाली के जरिये होता है। नेपाली कांग्रेस ने प्रत्यक्ष मतदान प्रणाली के तहत अकेले 51 सीट जीती हैं। इसके सहयोगी दल सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट ने 16 तथा 10 सीट जीती हैं।
लोकतांत्रिक समाजवादी और राष्ट्रीय जनमोर्चा को क्रमश: चार और एक सीट मिली है। ये सभी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल नीत विपक्षी गठबंधन को 49 सीट मिली हैं। सीपीएन-यूएमएल ने 38 सीटें जीती हैं। जबकि उसकी सहयोगी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी ने क्रमश: छह और पांच सीट जीती हैं। नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने सात सीटों पर जीत हासिल की है। नागरिक उन्मुक्ति पार्टी को तीस सीट मिली हैं जबकि नेपाल वर्कर्स एंड पीजेंट्स पार्टी और जनमत पार्टी को एक-एस सीट पर जीत मिली है।
निर्दलीय के हिस्से में पांच सीट गई हैं। वहीं आनुपातिक प्रणाली की गणना में सीपीएन-यूएमएल अब तक कुल 19,11,527 मतों के साथ आगे चल रहा था। रिपब्लिका अखबार ने बताया कि नेपाली कांग्रेस 18,39,884 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि सीपीएन (माओवादी सेंटर) 8,11,315 मतों के साथ तीसरे स्थान पर है। प्रतिनिधि सभा और सात प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव रविवार को हुए थे। मतों की गिनती सोमवार को शुरू हुई थी।