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जीरो कोविड नीति का चीन का दावा अब पूरी तरह गलत साबित

  • लगातार दूसरे दिन तीस हजार से अधिक

  • जीरो कोविड नीति के विफल होने का प्रमाण

  • फिर से आइसोलेशन सेंटरों को चालू कर दिया गया

बीजिंगः चीन में पिछले चौबीस घंटे में फिर से कोरोना की रफ्तार और तेज होने से पूरी दुनिया के लिए नया खतरा हो गया है। पूरे देश में जांच की प्रक्रिया तेज किये जाने का परिणाम है कि अब 32695 नये मरीज पाये गये हैं। मरीजों की संख्या तीस हजार से अधिक होने का यह लगातार दूसरा दिन है। वुहान में कोरोना का पता चलने के बाद इतनी अधिक संख्या में कोरोना मरीज कभी नहीं पाये गये थे।

इस वजह से दुनिया भर के वैज्ञानिकों को यह चिंता भी सताने लगी है कि क्या चीन में इस वायरस ने फिर से अपना स्वरुप बदल लिया है। अपने तरीके से इसे नियंत्रित करने की कोशिशों में जुटे चीन ने इस बारे में दुनिया को कोई विशेष जानकारी नहीं दी है। वैसे यह समझा जा रहा है कि नये मरीजों में पाये गये संक्रमण की चीनी वैज्ञानिक जांच कर रहे हैं ताकि यह पता चले कि यह कोविड वायरस का कोई नया स्वरुप तो नहीं है।

मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी की वजह से यह चिंता बनी है कि यह संक्रमण पूरे देश में अभी भी तेजी से फैल रहा है। अभी जो संक्रमण फैला है वह शायद पहले के मुकाबले अधिक संक्रामक है, तभी इतने सारे लोग फिर से इसकी चपेट में आ गये हैं। इस वजह से अब देश के कई नये हिस्सों में भी लॉकडाउन लगा दिया गया है और प्रमुख शहर की सड़कें भी वीरान हो चुकी हैं।

इसकी रोकथाम के लिए सभी शहरों में उन केंद्रों को फिर से चालू किया जा रहा है, जिन्हें कोरोना की स्थिति में सुधार के बाद बंद कर दिया गया था।

खबर है कि खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निर्देश दिया है कि किसी भी व्यक्ति के कोरोना पीड़ित पाये जाने की स्थिति में उसके संपर्क में आने वाले सभी को आइसोलेशन में डाल दिया जाए। इस वजह से नागरिकों में असंतोष और बढ़ रहा है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से रोजगार प्रभावित होने के बीच ही उनके लिए यह नई परेशानी आ गयी है। जिन इलाकों में यह महामारी दोबारा फैली है वह चीन के जीडीपी का पांचवा हिस्सा वाला इलाका है। इससे देश की अर्थव्यवस्था के फिर से डांवाडोल होने का खतरा भी मंडराने लगा है।

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