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शिवाजी और सावरकर के विवाद में उलझ गयी है महाराष्ट्र की राजनीति

  • संजय राउत ने कहा भाजपा को मौका मिला

  • नीतीन गडकरी की तुलना शिवाजी महाराज से

  • भाजपा ने अब तक इस पर सफाई नहीं दी है

राष्ट्रीय खबर

मुंबईः राहुल गांधी के सावरकर पर दिये गये बयान से उद्धव ठाकरे कैंप नाराज है। इसी बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी को बीते कल की बात कहकर नये विवाद को जन्म दे दिया है। अब महाराष्ट्र की राजनीति इन्हीं दो बयानों के चारों तरफ चक्कर लगाती नजर आ रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर चल रहे राहुल गांधी ने एक पत्र दिखाकर यह पूछा था कि सावरकर ने इसमें माफी क्यों मांगी थी और उन्हें अंग्रेजों से पेंशन क्यों मिलती थी। उनकी बातों का समर्थन महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पाटोले ने भी किया है और कहा है कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें बताया चाहिए कि सावरकर को पेंशन क्यों मिलती थी। दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे खेमा ने इस बयान का विरोध किया है। इससे महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के भविष्य पर सवाल उठ गये है।

जेल से बाहर निकले शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम में राहुल के बयान की आलोचना की है। उन्होंने लिखा है कि ऐसे बेतूके बयान से राहुल गांधी जनता के मन में जो विश्वास पैदा हो रहा था, उसे खुद ही तोड़ रहे हैं और भाजपा के लिए असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का रास्ता बना रहे हैं।

राउत ने अपनी बातों के समर्थन में पुस्तक का हवाला देते हुए कहा है कि लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाले बयान से राहुल गांधी को बचना चाहिए क्योंकि इससे वह भाजपा का रास्ता साफ कर रहे हैं। राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा था कि दरअसल हिंदुत्व का दावा करने वाली पार्टी स्वतंत्रता के आंदोलन में भी ब्रिटिश सरकार के साथ थी। दूसरी तरफ राउत ने लिखा है कि वीर सावरकर ने अंडमान जेल में दस साल बिताये हैं।

इस बहस के जारी रहने के बीच ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नीतीन गडकरी की तुलना छत्रपति शिवाजी से कर दी है। इससे नया विवाद पैदा हो गया है। उन्होंने एक समरोह में कहा है कि महाराष्ट्र के लोगों से जब आजादी के इतिहास के बारे में पूछा जाएगा तो अन्य लोगों के साथ ही वह छत्रपति शिवाजी का भी नाम लेंगे।

लेकिन अब शिवाजी पुराने जमाने की बात हैं। अभी तो इस कतार में नीतीन गडकरी जैसे लोग हैं। इस बयान के बाद विरोधी दलों ने शिवाजी महाराज विरोधी उनके बयान की वजह से उन्हें पद से हटाने की मांग कर दी है। दूसरी तरफ भाजपा ने इस बयान पर अब तक कोई सफाई नहीं दी है।

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