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उत्तर बंगाल में हिंसा भड़काने पर मुख्यमंत्री का गंभीर आरोप

वीआईपी सुरक्षा लेकर हथियार ला रहे लोग

  • दिसंबर में माहौल बिगाड़ने का काम होगा

  • सीमा पर पुलिस अधिक बेहतर जांच करे

  • जनता को भी इस पर ध्यान देना होगा

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक गंभीर बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि दिसंबर माह से उत्तर बंगाल में हिंसा भड़काने की साजिश हो रही है। इस क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग वीआईपी सुरक्षा का लाभ लेकर अपने वाहनों से हथियार पहुंचा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को इस पर अधिक ध्यान देना होगा।

इस बयान के पहले टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नंदीग्राम में ऐसा ही करने का आरोप लगाया था। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री का ऐसा बयान आया है। वैसे दूसरी तरफ बंगाल भाजपा के कई नेता उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मांग को हाल के दिनों में हवा दे रहे हैं। ममता बनर्जी से अपनी जनसभा में मौजूद लोगों को खास तौर पर पड़ोसी राज्यों से आने वाले वाहनों पर अधिक नजर रखने की बात कही है। साथ ही उन्होंने राज्य पुलिस को भी इस बारे में अधिक सतर्क रहने को कहा है।

वीआईपी गाड़ियों में आने वालों की जांच आम तौर पर नहीं होती है। ममता ने कहा है कि कुछ लोग इसी वीआईपी सुरक्षा घेरा का लाभ उठाकर राज्य के कुछ खास हिस्सों में हथियार पहुंचा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कई जनसभाओं में यह बात दोहरायी है। उन्होंने कहा है कि बिहार के रास्ते से हथियार पहुंचाये जा रहे हैं। इसलिए पुलिस के साथ साथ जनता को भी इस बारे में अधिक सावधान होना चाहिए। पुलिस से उन्होंने सीमा पर अधिक गंभीरता से गाड़ियों की जांच करने को कहा है। उनक आकलन है कि दिसंबर माह से ही हिंसा का यह माहौल बनाने का काम प्रारंभ होगा।

ममता का यह बयान तब आया है जबकि प्रदेश भाजपा के कई नेता बार बार यह कह चुके हैं कि दिसंबर माह में इस राज्य की सरकार का पतन होगा। दूसरी तरफ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि पुलिस को हर गाड़ी की तलाशी लेने का अधिकार है और ऐसा होना भी चाहिए। लेकिन पुलिस को यह भी याद रखना होगा कि उन्हें सरकार वेतन देती है तृणमूल कांग्रेस नहीं। इसलिए उन्हें हर मामले में पक्षपात नहीं करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने लोगों को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि हिंसा फैलाने के लिए माहौल बनाया जा रहा है। मतदाता सूची बनाने में खास तौर पर सीमावर्ती इलाकों में सही ढंग से काम नहीं हो रहा है। उन्हें शिकायत मिली है कि कई इलाकों में तीस प्रतिशत लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाया जा रहा है। इसलिए हर गांव के लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने पास पड़ोस के हर मतदाता का नाम इस सूची में शामिल किया गया है, उसे खुद देखे। नंदीग्राम में टीएमसी की जनसभा समाप्त होने के बाद उनके मंच को आग के हवाल किये जाने को इस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है।

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