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इसी क्रम में एक सार्वजनिक मंच पर उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से उन्हें डील का ऑफर दिया गया था। इसमें कहा गया था कि अगर वह गुजरात चुनाव से हाथ खींच लेंगे तो उनके दोनों मंत्रियों के खिलाफ चल रहे मुकदमों का खत्म कर दिया जाएगा। दिल्ली के सीएम ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ सबूत क्या है, यह सवाल जब अदालत ने तीन बार पूछा तो जज को ही बदलने की मांग की गयी।
दूसरी तरफ मनीष सिसोदिया से हुई पूछताछ के दौरान सीबीआई वाले आबकारी के मुद्दे पर कम तथा आम आदमी पार्टी छोडकर भाजपा में शामिल होने पर सीएम बना देने की बात ज्यादा कर रहे थे। इसी से समझा जा सकता है कि दरअसल जांच एजेंसियों के पास दिल्ली के इन दोनों मंत्रियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। इन एजेंसियों के जरिए भाजपा अपना हित साधना चाहती है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऑपरेशन लोट्स के बारे में तो अब तेलंगना में पकड़े गये लोगों की आवाज की रिकार्डिंग भी सार्वजनिक हो चुकी है। इसमें साफ साफ दावा किया जा रहा है कि भाजपा ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ने का काम जारी रखा है और यह भी बताया जा रहा है कि सौदा मंजूर होने की स्थिति में पैसे का भुगतान किस तरीके से किया जाएगा।
वैसे उन्होंने साफ कर दिया कि भाजपा का यह प्रस्ताव उनका कोई परिचित ही लेकर आया था, जिनका नाम वह नहीं लेना चाहते हैं। दरअसल भाजपा एक से दूसरे परिचित तक प्रस्ताव पहुंचाने का मार्ग तलाशती रहती है। उन्होंने कहा कि गुजरात में चुनाव हारने का राष्ट्रीय परिणाम क्या होगा, यह सोचकर ही भाजपा बुरी तरह डरी हुई है। इसी वजह से तरह तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।
अब इसी क्रम में जेल में बंद एक आरोपी के आरोपों को भाजपा समर्थक लगातार सार्वजनिक कर रहे हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखे गये पत्र मीडिया तक कैसे पहुंच रहे हैं, यह हर कोई समझ सकता है। उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तिगत अनुमान है कि गुजरात के इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पांच से भी कम सीटें प्राप्त होंगी।