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ड्रोन से निगरानी के बावजूद प्रति दिन 500 टन कच्चे तेल की चोरी 4 गिरफ्तार

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी :ड्रोन से निगरानी के बावजूद असम में प्रति दिन 500 टन से अधिक कच्चे तेल  बड़े पैमाने पर चोरी हो रही है।ऑयल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि सत्तारूढ़ राजनीतिक दलों की लोग इस कच्चा तेल चोरी घटना में शामिल हो सकता है। चोरी की इस घटना की वजह से हर रोज पेट्रोलियम मंत्रालय को असम में करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

अधिकारी ने बताया कि बाढ़ बाढ़ सरकार को कच्चे तेल की चोरी की घटना की जानकारी देने के बाद ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन इस ड्रोन के बावजूद असम में हर रोज कच्चा तेल चोरी हो रहा है।ऑयल ऑफिसर ने कहा है कि यह सबूत है कि जब पुलिस ने ड्रोन से निगरानी के बावजूद चोरी कर ली 8 हजार लीटर तेल, 4 लोग को गिरफ्तार किया है ।

तेल अधिकारी ने जानकारी दी है कि  असम के डिब्रूगढ़ जिले में आठ हजार लीटर तेल चोरी करने के आरोप में कम से कम चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है । तेल की चोरी की घटनाओं में वृद्धि के कारण, ओआईएल ने पिछले साल अक्टूबर में असम में अपने प्रतिष्ठानों और तेल तथा गैस पाइपलाइनों के लिए ड्रोन निगरानी शुरू की थी ।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  यह जानकारी देते हुए बताया कि चुराया गया तेल कंडेनसेट तेल है। कंडेनसेट(घनीभूत या संघनित) तेल हल्के तरल हाइड्रोकॉर्बन का मिश्रण होता है और बहुत हल्के कच्चे तेल से मिलता-जुलता है। यह प्राकृतिक गैस में वाष्प के रूप में होता है और कच्चे तेल में घुल सकता है या तेल भंडार में अलग से पाया जाता है। पुलिस ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील पुल के पास एक टैंकर जब्त कर आठ हजार लीटर चोरी किया गया कंडेनसेट तेल बरामद किया है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसा संदेह है कि यह तेल सार्वजनिक क्षेत्र के तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) या ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) की परिवहन पाइपलाइन से चुराया गया था।उन्होंने कहा, ‘इस गिरोह में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। टैंकर शिवसागर जिले के नहरानी से धेमाजी जा रहा था, जब पुलिस ने  उसे रोका।

असम के ऊपरी हिस्सों में टैंकरों और पाइपलाइनों से ऐसे तेल की चोरी की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। गौरतलब है कि तेल की चोरी की घटनाओं में वृद्धि के कारण, ओआईएल ने पिछले साल अक्टूबर में असम में अपने प्रतिष्ठानों और तेल तथा गैस पाइपलाइनों के लिए ड्रोन निगरानी शुरू की थी।

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