कियेबः यूक्रेन की सेना ने रूसी सेना को जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है। समझा जा रहा है कि डोनेत्स्क और लायमन इलाके में पिछले चौबीस घंटे में इतने रूसी सैनिक मारे गये हैं।
यूक्रेन का दावा है कि अब तक के युद्ध में 71 हजार से अधिक रूसी सैनिक मारे गये हैं। वैसे यह दावा सही है अथवा नहीं, इसकी पुष्टि रूस की तरफ से नहीं हो पायी है। सिर्फ यह पता है कि रूसी मिसाइलें अब और तेजी से यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में गिर रही है। जिसकी वजह से अनेक इलाकों में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गयी है।
ठंड के मौसम में बिजली गुल होने की वजह से आम नागरिकों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि यूक्रेन की सेना ने पूरी तैयारी के साथ कई इलाकों में एक साथ हमला किया था। दूसरी तरफ रूसी सेना यूक्रेन की सेना के इन हमलों के लिए शायद तैयार नहीं थी।
इसी वजह से उन्हें इतना अधिक नुकसान एक ही दिन में उठाना पड़ा है। यह दावा किया गया है कि इन दोनों ही इलाकों मे रूसी सेना पीछे हटी है और यूक्रेन ने अपनी खोयी हुई जमीन का काफी हिस्सा फिर से अपने नियंत्रण में ले लिया है। यूक्रेन के जनरल शेरही शापताला का कहना है कि इस दौरान यूक्रेन के द्वारा दागे गये 44 मिसाइल अपने लक्ष्य पर पहुंचे हैं। इन मिसाइलों से भी रूसी सेना को नुकसान हुआ है।
इस बीच ब्रिटिश गुप्तचरों का दावा है कि रूसी सेना अब युद्ध के मैदान में तैयार नजर नहीं आ रही है। उनके पास जो हथियार हैं, वे भी पुराने जमाने के हैं। साथ ही रूसी सेना के अधिकांश लोग इन हथियारों का बेहतर इस्तेमाल करना भी शायद नहीं जानते हैं।
रूस ने अपनी सुरक्षित सेना के नाम पर जिनलोगों को युद्ध के मोर्चे पर भेजा है, उनके पास भी पुराने जमाने के हथियार हैं तथा वे उन्हें ठीक तरीके से नहीं चला पा रहे हैं। ब्रिटिश गुप्तचरों की तरफ से यह दावा तब किया गया है जबकि रूस ने अपनी नौसेना पर हुए हमले में किसी गैर सैनिक नाव पर सवार ब्रिटिश विशेषज्ञों पर हमला किये जाने का आरोप लगाया है।