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मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कांफ्रेंस में किया एलान
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मतगणना का कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के साथ होगा
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सवा तीन लाख मतदाता पहली बार मतदान में भाग लेंगे
नयी दिल्ली: इस बात का अंदाजा पहले से ही लगाया जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा समाप्त होने के बाद ही गुजरात के चुनाव कार्यक्रमों का एलान करेगा। इस पर विपक्ष ने भाजपा के साथ साथ चुनाव आयोग पर भी पक्षपात के आरोप पहले ही लगा दिये थे। इस क्रम में आज चुनाव आयोग ने गुजरात के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों का एलान कर दिया।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणो में एक और पांच दिसंबर को होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में गुजरात में मतदान के कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि दक्षिण गुजरात, सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात के कुछ भाग की कुल 89 सीटों पर मतदान एक दिसंबर को और मध्य गुजरात एवं उत्तर गुजरात की बाकी कुल 93 सीटों पर पांच दिसंबर को मतदान होगा। मतगणना आठ दिसंबर को होगी और मतदान की प्रक्रिया दस दिसंबर को पूरी होगी।
उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर को होने वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना भी आठ दिसंबर को करायी जाएगी। श्री राजीव कुमार ने कहा कि प्रथम चरण के मतदान के लिए अधिसूचना पांच नवंबर को जारी होगी। नामांकन की अंतिम तिथि 14 नवंबर और नाम वापस लेने की तारीख 17 नवंबर होगी। मतपत्रों की जांच 15 नवंबर को होगी। दूसरे चरण के लिए अधिसूचना 10 नवंबर को जारी होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर और नाम वापस लेने की तारीख 21 नवंबर होगी। मतपत्रों की जांच 18 नवंबर को होगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में तीन लाख 24 हजार 422 नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। कुल मतदान केंद्रों की संख्या 51 हजार 782 है। राज्य में स्थापित मतदान स्थलों में से कम से कम 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गयी है। राज्य में कुल मतदाता 4.9 करोड़ हैं। राज्य में 142 आदर्श मतदान केन्द्र होंगे। 182 मतदान केन्द्र दिव्यांगों के लिए और 1274 मतदान केन्द्र महिलाओं के लिए बनाये जाएंगे।
भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग : कांग्रेस
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के दबाव में चुनाव आयोग ने दोनों राज्यों में चुनाव कराने की घोषणा एक साथ नहीं की जबकि चुनाव परिणाम एक साथ आने हैं। कांग्रेस गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा तथा पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसे सरकार के दबाव में काम नहीं करना चाहिए।
गुजरात तथा हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम एक ही दिन आने हैं लेकिन चुनाव की घोषणा हिमाचल के लिए 14 अक्टूबर को और गुजरात के लिए आज होती है। उन्होंने कहा कि एक संवैधानिक संस्था होने के नाते चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि क्या उसने सरकार के दबाव में यह काम किया है। आयोग को देश की जनता को बताना चाहिए कि गुजरात तथा हिमाचल के चुनाव कराने की घोषणाएं एक साथ क्यों नहीं की गई है जबकि चुनाव परिणाम एक साथ आने हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गुजरात में 27 साल तक भाजपा का राज रहा है और उससे सवाल पूछना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महंगाई तथा बेरोजगारी पूरे देश के लिए है लेकिन सवाल है कि गांधी के प्रदेश में बड़ी मात्रा में शराब क्यों पकड़ी जा रही है। गुजरात में पांच लाख पद खाली हैं और वहां 22 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं हैं। सड़कों की हालत बहुत खराब है।
कोराना के समय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है और सरकार कोरोना से निपटने के प्रबंधन में विफल रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात में लोग भाजपा से पीड़ित हैं और उनके सामने सिर्फ कांग्रेस एक मात्र विकल्प है। कांग्रेस ने वहां जमीन पर रहकर काम किया है और उसी के आधार पर उसका दावा है कि वहां कांग्रेस सरकार बना रही है। उनका यह भी कहना था कि आम आदमी पार्टी कहीं जमीन पर नहीं है। गुजरात के लोग आम आदमी पार्टी को समझते हैं और वे यह भी समझ चुके हैं कि गुजरात में भाजपा शासन में किस कदर भ्रष्टाचार का बोलबाला है।