अवैध प्रवासियों को हटाने वादा से मुकर गयी है भारतीय जनता पार्टी
उत्तर पूर्व संवाददाता
गुवाहाटीः असम के पहाड़ी जिले कार्बी आंगलोंग में हाल के दिनों में उपजी अशांति और सामुदायिक तनाव ने अब एक गंभीर राजनीतिक मोड़ ले लिया है। असम प्रदेश हिल्स लीडर्स काउंसिल के अध्यक्ष जोन्स इंग्ती कथार ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए राज्य की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है। कथार ने एक कड़ा बयान जारी करते हुए जिले में व्याप्त मौजूदा उथल-पुथल के लिए पूरी तरह से सत्ताधारी दल की नीतियों और प्रशासनिक विफलता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि स्वदेशी समुदायों, विशेषकर कार्बी और अन्य स्थानीय जनजातियों का अस्तित्व आज खतरे में है।
अवैध अतिक्रमण और वोट बैंक की राजनीति का आरोप जोन्स इंग्ती कथार का मुख्य आरोप है कि जिले की ग्रेजिंग रिजर्व और विलेज ग्रेजिंग रिजर्व जैसी महत्वपूर्ण सार्वजनिक भूमियों पर अवैध प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लालच में इन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने से कतरा रही है।
कथार ने मांग की है कि प्रशासन को तुरंत इन भूमियों से अवैध रूप से बसे लोगों को बेदखल करना चाहिए। उनके अनुसार, शांति स्थापित करने का एकमात्र तरीका अतिक्रमण हटाना है, न कि स्थानीय लोगों को सुरक्षा बलों और हथियारों के साये में डराना। उन्होंने हिंसा में घायल हुए निर्दोष लोगों के लिए सरकार से पूर्ण मुआवजे और मुफ्त इलाज की भी मांग की है।
संदिग्ध गतिविधियाँ और प्रशासनिक फेरबदल की मांग अपने संबोधन में कथार ने एक अत्यंत गंभीर और संदिग्ध घटना की ओर इशारा किया। उन्होंने दावा किया कि कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंगहांग के आवास से रहस्यमय तरीके से पांच वाहनों को हटाया गया।
कथार ने अंदेशा जताया कि इन वाहनों का उपयोग भारी मात्रा में नकदी, हथियार और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ठिकाने लगाने के लिए किया गया होगा। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने वर्तमान स्वायत्त परिषद को तत्काल भंग करने की वकालत की है।
एपीएचएलसी प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों और असम भूमि राजस्व नियम 18 का हवाला देते हुए कहा कि कानून स्पष्ट रूप से अवैध बस्तियों को हटाने का निर्देश देता है, लेकिन अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। उन्होंने मांग की कि जो अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए।
जिले में लोकतांत्रिक वैधता वापस लाने के लिए उन्होंने नए सिरे से चुनाव कराने की पुरजोर मांग की है। कथार ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कानून को सख्ती से लागू नहीं किया और स्वदेशी लोगों के हितों की रक्षा नहीं की, तो स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है।