बंगाल के सांसदों से मिल काम शुरू करने को कहा
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सदनों की कार्यवाही से पहले संसद परिसर में पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों से भेंट की। इस मुलाकात में उन्होंने सांसदों को राज्य की मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों पर जनता से गहन बातचीत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जमीनी स्तर पर हो रही घटनाओं और टीएमसी के कुशासन का कड़ा विरोध किया जाना चाहिए। आगामी 2026 विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने सांसदों को विस्तृत प्रेजेंटेशन तैयार करने, राजनीतिक रणनीति (पॉलिटिकल प्लानिंग) बनाने और लोगों को संगठित करने के लिए ग्राउंड वर्क को पूरा करने का निर्देश दिया।
उन्होंने भाजपा सांसदों से कहा कि सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले जैसी हिंसक घटनाओं को प्रभावी ढंग से उजागर किया जाना चाहिए, ताकि पश्चिम बंगाल के नागरिक यह समझ सकें कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व में किस तरह राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका उद्देश्य इन घटनाओं के माध्यम से राज्य सरकार की हिंसा की राजनीति को बेनकाब करना है।
दूसरी ओर, संसद भवन के बाहर मकर द्वार के सामने, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य विपक्षी सांसदों ने केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कुछ विपक्षी सदस्य दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के विरोध में अपना रोष जताने के लिए गैस मास्क पहनकर संसद पहुँचे।
प्रधानमंत्री की यह बैठक और उनके निर्देश स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि भाजपा ने बंगाल में सत्ता हासिल करने के लिए अपनी चुनाव पूर्व तैयारी शुरू कर दी है और वह राज्य के कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति पर काम कर रही है।