युद्धविराम वार्ता के जारी होने के बीच ही फिर से हमला
कियेबः काला सागर में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है, जब रूसी तेल टैंकर विराट पर बिना पायलट वाले समुद्री ड्रोन से हमला किया गया है। इस हमले की जिम्मेदारी तुरंत ही यूक्रेन ने ले ली है। यह घटनाक्रम रूस-यूक्रेन संघर्ष के समुद्री आयाम में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। तेल टैंकर पर हुआ यह हमला रूस के समुद्री निर्यात मार्गों को निशाना बनाने की यूक्रेन की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।
रूस की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा तेल निर्यात पर निर्भर करता है, और इस तरह के हमले न केवल उसकी सैन्य क्षमताओं बल्कि उसके आर्थिक हितों को भी सीधे चुनौती देते हैं। विराट टैंकर पर हमले की खबर सामने आने के बाद वैश्विक तेल बाज़ार में कीमतों में अस्थिरता की आशंका जताई जा रही है।
रूस ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे “आतंकवादी कृत्य” बताया है। यह हमला काला सागर अनाज समझौते के टूटने के बाद हुआ है, जिसने समुद्री मार्गों को और अधिक जोखिम भरा बना दिया है। यूक्रेन समुद्री ड्रोन का उपयोग करके रूस की नौसैनिक श्रेष्ठता को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है, जो कम लागत वाले हथियारों के साथ बड़ी सैन्य शक्ति को नुकसान पहुंचाने की एक नई रणनीति है।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठनों ने इस क्षेत्र में वाणिज्यिक नौवहन की सुरक्षा पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया है। यह घटना दर्शाती है कि युद्ध का दायरा केवल भूमि तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों को भी प्रभावित कर रहा है।