Breaking News in Hindi

झारखंड भाजपा का ध्यान अभी देश की राजधानी पर ज्यादा

दिल्ली के फेरबदल से ही साफ होगी तस्वीर

  • सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष का मसला नहीं रहा

  • अनेक संगठन मंत्रियों की भी छुट्टी होगी

  • पूरे देश का दौरा कर रहे हैं संघ के नेता

राष्ट्रीय खबर

रांचीः झारखंड में भारतीय जनता पार्टी अभी बयानों तक ही शायद सीमित रहेगी। पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेता नियमित तौर पर बयान जारी कर राज्य सरकार के खिलाफ अपनी मोर्चाबंदी का एहसास दिला रहे हैं। दूसरी तरफ एक सच्चाई यह भी है कि ऐसे सभी नेताओं का ध्यान अभी दिल्ली दरबार की तरफ लगा है।

अंदरखाने से आ रही सूचनाओं के मुताबिक अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ साथ संगठन और केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल तक की चर्चा होने लगी है। लिहाजा यह माना जा सकता है कि अभी झारखंड भाजपा को नये सिरे से सक्रिय करना पार्टी की केंद्रीय अथवा प्रदेश कमेटी के मुख्य एजेंडा में नहीं है।

इसकी जानकारी रखने वालों की तरफ से मिली जानकारी यह भी है कि हाल के दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी भाजपा संगठन में आमूलचुल परिवर्तन करने की सोच विकसित हुई है। इसलिए माना जा रहा है कि संघ अपने पुरानी लीक पर लौटते हुए सरकार में शामिल कई स्वयंसेवकों को अब दूसरी जिम्मेदारी सौंप देगा तथा नये लोगों को मोदी सरकार में भेजा जाएगा।

यदि ऐसा होता है तो इसका दूसरा अर्थ यह भी होगा कि अब केंद्र सरकार को मनमानी करने की छूट शायद संघ की तरफ से नहीं दिया जाएगा। जानकार बताते हैं कि हाल के दिनों में कई अवसरों पर ऐसा प्रतीत हुआ है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी वैचारिक मतभेद है।

इससे संघ के अपने काम काज पर भी असर पड़ा है। सूत्रों की मानें तो सिर्फ केंद्र ही नहीं कई राज्यों के संगठन प्रभारियों के कामकाज से भी संघ नाखुश है। लिहाजा अनेक राज्यों के प्रभारी संगठन मंत्रियों को भी बदला जा सकता है। जानकार बताते हैं कई ऐसे संगठन मंत्रियों के काम काज और आचरण पर भी संघ मुख्यालय तक अजीब किस्म की शिकायतें पहुंची है। इसी वजह से भ्रष्टाचार से संगठन को दूर रखने की कवायद में ऐसे लोग भी दूसरे बहाने से बदल दिये जाएंगे।

केंद्र के स्तर पर दूसरी परेशानी संघ की वैचारिक पृष्टभूमि से नहीं आने वाले मंत्रियों की कारगुजारियां भी हैं। इसे लेकर संघ के शीर्षस्थ नेताओं में चिंता है और ऐसे लोगों को यह संकेत देने की कवायद प्रारंभ हो चुकी है कि उन्हें केंद्रीय मंत्री होने के नाते संघ की विचारधारा के खिलाफ भाई भतीजावाद अथवा अन्य अस्वीकार्य आचरण करने की छूट नहीं है।

एक खबर इस बात की भी है कि प्रधानमंत्री रेंद्र मोदी के अगले जन्मदिन 17 सितंबर तक संगठन में अप्रत्याशित घटनाएं घटित हो सकती है। जिसके नफा नुकसान का फिलहाल पूर्व आकलन का काम चल रहा है। संघ के जिम्मेदार लोग पूरे देश का दौरा कर इस बारे में विवरण एकत्रित कर रहे हैं।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।