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चुराचांदपुर के गांव में रेबीज का प्रकोप

सरकारी स्तर पर लोगों के आवागमन पर रोक लगायी गयी

राष्ट्रीय खबर

गुवाहाटीः मणिपुर के चुराचांदपुर जिले ने रेबीज के मामलों में वृद्धि के जवाब में रोकथाम के उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की है। जिला प्रशासन ने नियंत्रण उपायों को लागू करने के लिए महामारी रोग अधिनियम, 1897 (खतरनाक महामारी रोगों के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाया गया एक कानून) लागू किया है।

प्रकोप कुछ उपखंडों में केंद्रित है, जिसमें चुराचांदपुर उप-मंडल में न्यू ज़ोवेंग गाँव को प्राथमिक हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना गया है। गाँव को तत्काल प्रभाव से नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है। जिला मजिस्ट्रेट धरुण कुमार एस ने रेबीज के प्रसार को रोकने के उपायों की रूपरेखा तैयार करते हुए एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।

न्यू ज़ोवेंग गाँव में पालतू जानवरों और आवारा कुत्तों की आवाजाही प्रतिबंधित है। सभी कुत्तों, पालतू और आवारा दोनों को जिला पशु चिकित्सा विभाग की देखरेख में रेबीज के खिलाफ टीका लगाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला पशु चिकित्सा विभाग निवासियों और जानवरों के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य निगरानी करेंगे। रोकथाम अवधि के दौरान घरेलू कुत्तों और अन्य जानवरों की बिक्री और परिवहन की अनुमति नहीं है।

प्रतिक्रिया गतिविधियों के समन्वय और सार्वजनिक पूछताछ को संभालने के लिए जिला पशु चिकित्सा विभाग द्वारा एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। संपर्क जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। चुराचांदपुर में कुत्ते के मालिकों को अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण कराना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

जिला पशु चिकित्सा कार्यालय की त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सामूहिक टीकाकरण अभियान चलाएँगी। निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे जानवरों के काटने की स्थिति में तुरंत सरकारी अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा सेवा लें। सभी सरकारी सुविधाओं पर रेबीज के टीके निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएँगे।

प्रकोप से प्रभावित क्षेत्रों में जानवरों से जुड़े सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द या स्थगित किए जाएँगे। अधिकारियों ने कहा है कि रेबीज के प्रसार को रोकने के लिए इन उपायों का पालन करना आवश्यक है। पालतू जानवरों का टीकाकरण न कराने या अवैध पशु व्यापार में शामिल होने सहित आदेश का उल्लंघन करने पर महामारी रोग अधिनियम, 1897 और अन्य लागू कानूनों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जनता से अनुरोध है कि वे संदिग्ध रेबीज़ मामलों या जानवरों के काटने की सूचना तुरंत दें। रोकथाम के उपाय अगली सूचना तक प्रभावी रहेंगे।

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