बहुमत ने ऊपरी सदन में सरकार के काम काज की सराहना की
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आयुष्मान योजना से बहुतों को लाभ
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विपक्ष ने कहा इसमें भी भेदभाव है
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दस साल में तीन गुना सुविधा बढ़ी
नईदिल्लीः स्वास्थ्य मंत्रालय के काम काज पर राज्य सभा में चर्चा के दौरान बुधवार को जहां सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सरकार की आयुष्मान योजना और जन औषधि केंद्र योजनाओं को देश में गरीबों के लिए स्वाथ्य सुविधा के विस्तार की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया वहीं विपक्षी दलों ने सरकार पर विपक्षी दलों की सरकार वाले राज्यों के साथ धन के आवंटन में भेद-भाव करने का आरोप लगाया। कई सदस्यों ने खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं और बढ़ाए जाने की जरूरत पर बल दिया।
सदन में मंगालवार को इस विषय पर अधूरी रही चर्चा की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि सरकार ने पिछले दस साल में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार, चिकित्सा – शास्त्र की पढ़ाई के लिए सीटों के विस्तार का उल्लेख किया । उन्होंने आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड योजना को विश्व की अपने किस्म की अनूठी योजना बताया और कहा कि इसके साथ जन औषधि केंद्र स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों की पहुंच के अंदर लाने में बड़ा योगदान कर रही है।
जनता दल यूनाईटेड के संजय कुमार झा ने देश में डाक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेजों की सीट बढ़ाने में मोदी सरकार की उपलब्धियों की सराहना की है। उन्होंने बिहार में पटना के बाद दरभंगा में दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री का ध्यन्यवाद किया। चर्चा में भाग लेते हुए सुश्री ममता मोहंता (भाजपा) ने कहा कि आयुष्मान योजना से कैंसर जैसी बीमारी का इलाज भी गरीब लोग करा पा रहे हैं। उन्होंने अगले पांच वर्ष में मेडिकल कालेज की सीटों में 75000 की वृद्धि तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेली मेडिशिन सुविधा करने और ऐसी अन्य पहलों सराहना की।
आरएलएम पार्टी के उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि आयुष्मान योजना के लिए मोदी सरकार का जितना धन्यवाद किया जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि बड़ी बामारियों के मद्देनजर अभी भी बिहार में सुविधाओं की कमी है और वहां से लोग दिल्ली एम्स के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स में भीड़-भाड़ के कारण लोगों को आपरेशन के लिए एक-एक साल तक का इंतजार करना होता है जबकि डाक्टर जानते हैं कि मरीज के लिए दो माह से अधिक इंतजार जोखिम भरा हो सकता है। उन्होंने बिहार में सासाराम -औरंगाबाद के आस पास एक और एम्स बनाने पर विचार करने का आग्रह किया।
जनता दल एस के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बजट प्रावधान को दस साल पहले की तुलना में करीब तीन गुणा किए जाने के लिए प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का ध्यन्यवाद किया। उन्होंने सरकार का ध्यान हार्ट अटैक से मौतों के बढ़ने पर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में हार्ट अटैक पीड़ितों के लिए स्वास्थ सुविधाओं के विस्तार का आग्रह किया।
भाजपा के सदानंद महालू शेट तानवाडे ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को विकसित भारत की बुनियाद का एक पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने नागरिकों को हवनीय और अच्छी स्वास्थ्य देने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। 2013-14 में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट आवंटन 37330 करोड़ रुपये था। इस बार के बजट में 99858 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।