माहौल बदला तो सामाजिक संगठन भी आगे आने लगे
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नशे के कारोबार पर रोक जरूरी है
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हथियारों की तस्करी पर लगाम चाहिए
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जबरन वसूली का धंधा भी रोका जाए
राष्ट्रीय खबर
गुवाहाटीः मणिपुर में विभिन्न संगठनों ने आगामी 08 मार्च से राज्य में सड़कें खोलने, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने और नशीली दवाओं की गतिविधियों को रोकने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले की सराहना की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नयी दिल्ली में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में ये फैसले लिये गये हैं।
मैतेई गठबंधन ने अपने बयान में कहा कि 08 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर जनता के लिए मुफ्त आवाजाही की गारंटी देने का निर्देश राज्य के सदियों पुराने बहुजातीय अथवा बहुलवादी समाज को बहाल करने की दिशा में एक कदम होगा तथा इन कदमों से प्रदेश की बीमार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही जबरन वसूली के सभी मामलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दृढ़ संकल्प अपने नागरिकों की सुरक्षा, राष्ट्रीय राजमार्गों को खुला रखने और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है। मणिपुर के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर प्रमुख प्रवेश मार्गों पर सीमा बाड़ लगाने का त्वरित निर्माण सुरक्षा बढ़ाने और हथियारों और ड्रग्स की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है।
मैतेई गठबंधन ने मणिपुर के समृद्ध और विविध बहुलवादी समाज को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया, जहां विभिन्न जातीय समुदाय पीढ़ियों से सद्भाव में सह-अस्तित्व में हैं। इस संतुलन को बनाए रखने के लिए, गठबंधन ने अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कार्यान्वयन का समर्थन किया और कहा कि यह उपाय जनसांख्यिकीय असंतुलन को दूर करने और राज्य की अनूठी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
बयान में यह भी कहा गया है कि मैतेई गठबंधन मणिपुर में विभिन्न समुदायों के साथ जुड़ने के लिए उनके दृष्टिकोण की गहरी समझ हासिल करने और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के रास्ते तलाशने के लिए प्रतिबद्ध है। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने इस फैसले का स्वागत किया है, हालांकि उन्होंने इसे देर से लिया गया फैसला बताया।
मैतेई हथियारबंद समूह ने भी हथियार डालने और अपनी सामान्य सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों को शुरू करने का फैसला किया है। संगठन ने कहा है कि नशीली दवाओं के व्यापार नेटवर्क को खत्म करने का सरकार का दृढ़ संकल्प न केवल देश के युवाओं की भलाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मणिपुर को जातीय आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे कई उग्रवादी समूहों को मिलने वाले वित्तपोषण को रोकने में भी मदद करेगा।