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मोदी विश्व वन्यजीव दिवस पर जाएंगे सासणगीर

नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चर्चा में आया था गीर का सिंह क्षेत्र

  • गुजरात के सीएम के तौर पर की थी पहल

  • वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर इसका नाम है

  • वन्य प्राणियों को बेहतर संरक्षण प्रदान किया

गांधीनगरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व वन्यजीव दिवस मनाने के उपलक्ष्य में सोमवार को गुजरात के जूनागढ में सासणगीर जाएंगे। सरकारी सूत्रों ने रविवार को बताया कि तीन मार्च को समग्र विश्व विश्व वन्यजीव दिवस मनायेगा। इस अवसर पर श्री मोदी सासणगीर जाएंगे। विश्व वन्यजीव दिवस 2025 की थीम वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन फाइनांस है।

इस थीम के माध्यम से विश्व वन्यजीव दिवस वैश्विक संरक्षण प्रयासों में सस्टेनेबल फंड की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में गुजरात के नौ जिलों की 53 तहसीलों में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सिंहों की आबादी है। गुजरात में बसने वाले एशियाई सिंहों एवं अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके अतिरिक्त भारत सरकार के प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में वन्यजीवों के स्वास्थ्य के लिए जूनागढ जिले के नवा पीपलिया में 20.24 हेक्टेर से अधिक भूमि पर नेशनल रेफरल सेंटर बनने जा रहा है। इतना ही नहीं सासण में वन्यजीव रैकिंग के लिए एक हाई-टेक मॉनिटरिंग सेंटर तथा एक अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण भी किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में एशियाई सिंहों के संरक्षण के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। उनके नेतृत्व में वर्ष 2024 में एशि 237 बीट गार्ड्स (162 पुरुष, 75 महिलाएँ) की भर्ती की गई थी, जो संरक्षित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग करते हैं और सिंहों के ठिकानों की रक्षा करते हैं।

शाकाहारी पशुओं के संवर्धन के लिए नौ केंद्र भी बनाए गए हैं। उनके मार्गदर्शन में बृहद् गीर क्षेत्र में स्थित रेलवे लाइनों पर सिंहों की आवाजाही के कारण संभावित दुर्घटना का निवारण करने के लिए रेलवे के साथ एसओपी तैयार की गई है, जिसके कारण दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।

उल्लेखनीय है कि गुजरात में सासणगीर में निवास करने वाले एशियाई सिंहों के संरक्षण तथा गीर क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अनेक प्रयास किए थे। उन्होंने स्वयं वर्ष 2007 में गीर के वन क्षेत्र की यात्रा की थी और वहाँ की स्थिति की जानकारी प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने गीर क्षेत्र के समग्र विकास, सिंहों के संरक्षण एवं गीर की वन्यजीव सृष्टि के संरक्षण के भगीरथ प्रयास प्रारंभ किए थे।

वर्ष 2007 में सिंह के शिकार की घटना के बाद गुजरात सरकार ने जूनागढ में ग्रेटर गीर वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स डिवीजन की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य वन्यजीव अपराधों पर निगरानी रखना, गोपनीय जानकारी एकत्र करना तथा एशियाई सिंहों व उनके क्षेत्र में बसने वाले अन्य वन्यजीवों के संरक्षण को मजबूत बनाना था।

उनके नेतृत्व में गीर क्षेत्र के लिए पहली बार वन विभाग में महिला बीट गार्ड तथा फॉरेस्टर की भर्ती की गई। आज गीर में लगभग 111 महिला कर्मचारी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।  प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गीर के सिंहों के क्षेत्र में इको-टूरिज्म को प्रोत्साहन दिया था। इसी समयावधि के दौरान गुजरात सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा खुशबू गुजरात की अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान ने बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया। भारतभर के पर्यटकों के साथ अन्य देशों के पर्यटकों को भी आमंत्रित कर गीर के संरक्षित क्षेत्र की विजिबिलिटी में वृद्धि की गई, जिससे गीर वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर आ गया।

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