ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं होने की धारणा गलत: नड्डा
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पूरे देश में स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद हैं
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जीएसटी के लिए राज्य सरकार से बात करें
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बीमा धारकों की सुरक्षा पर सरकार प्रतिबद्ध है
नईदिल्लीः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को कहा कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मौजूद नहीं होने की धारणा गलत है। श्री नड्डा ने राज्यसभा के प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कोरोना के दौरान सभी नागरिकों को कोविड के टीके लगाये गये हैं, जो इसका सबूत है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता देश के प्रत्येक कोने में पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में शिशु मृत्यु दर और जच्चा बच्चा मृत्यु दर में भारी कमी आयी है।
आयुष मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव ने कहा कि आयुर्वेद औषधि की निर्माण प्रक्रिया की लगातार निगरानी की जाती है। इसके लिए एक समर्पित संस्थान है। उन्होंने कहा कि देश में आयुर्वेद औषधि का प्रयोग परंपरागत रूप से होता है। इसके लिए किये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयुर्वेद औषधि के बारे में जानकारी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश में चिकित्सकों की जरुरत है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बदलाव के लिए सांसदों को अपने राज्य से बात करनी चाहिए। श्रीमती सीतारमण ने सदन में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि जीएसटी के संबंध में सभी निर्णय जीएसटी परिषद लेती है। इसमें केंद्र तथा सभी राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी राज्य को कोई फैसला लेना है, तो अपने प्रतिनिधि के माध्यम से जीएसटी परिषद में आना चाहिए। कोई भी मुद्दा उठाने का किसी भी राज्य को पूरा अधिकार है।
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि वह बीमा धारकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कई स्तर पर नियामक और नियंत्रक तैनात किये गये हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सरकार ने बीमाधारकों की सुरक्षा के लिए नियम – प्रावधान तय किये, जो इरडा की निगरानी में लागू किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई बीमा कंपनी किन्ही कारणों से संकट में आती है तो बीमाधारकों को अन्य बीमा कंपनी के साथ जोड़ दिया जाता है।
किसी भी विषय पर सदन में सिर्फ भाषण देने के लिए आने वाले और बोलकर चले जाने वाले सदस्यों का मुद्दा मंगलवार को राज्यसभा में उठा। निर्दलीय कपिल सिब्बल के बजट पर चर्चा के दौरान सदन में आकर अपनी बात रखकर चले जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घनश्याम तिवाड़ी ने इस मुद्दे को उठाया।
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य सिर्फ अपनी बात कहने के लिए आते हैं जबकि उसका जबाव नहीं सुनते और कभी कभी तो पूरे सत्र के दौरान भाषण देने के अलावा उनकी कोई भूमिका नहीं होती। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस तरह की प्रवृत्ति मर्यादित नहीं है। सदस्यों को अपनी बात रखने के बाद उस पर दूसरे सदस्योें की राय भी जाननी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की शीघ्र ही कोई व्यवस्था दी जायेगी।