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बजट में आम आदमी के हितों की हई अनदेखी: विपक्ष

लोकसभा में जनकल्याणकारी योजनाओं में कटौती की शिकायत

  • द्रमुक के दयानिधि मारन का वक्तव्य

  • रुपये के अवमूल्यन पर भी बोले सरकार

  • इस सरकार को आम आदमी की चिंता नहीं

नईदिल्लीः विपक्ष ने आम बजट 2025-26 में आम आदमी के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर नियंत्रण करने के लिए कोई प्रावधान नहीं कर रही है दूसरी तरफ लोककल्याणकारी योजनाओं के बजट में कटौती कर दी है।

द्रविड मुनेत्र कषगम के दयानिधि मारन ने कहा कि बजट 2025-26 चर्चा पर आज दूसरे दिन चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि बजट में आम आदमी की जरूरतों को ध्यान में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह भारतीयों की वास्तविक समस्या को हल करने पर बजट में विफलता हाथ लगी है। देश में बेरोजगारी और महंगाई पर नियंत्रण करने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

उन्होने कहा कि सरकार जानबूझ कर वास्तविकता से मुंह मोड रही है। उन्होंने कहा कि डालर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक रूप से नीचे गया है। संयुक्त प्रगतिशल गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय जब डालर के मुकाबले रुपया 68 रुपया हो गया तो सरकार की आलोचना की जाती थी। रुपया गिरने से महंगाई में बेतहाशा वृद्धि हुई खासकर खाद्य पदार्थ के दामों में बेतहाशा बढोतरी हुई।

भाजपा सिर्फ हेडलाइन प्रबंधन का काम करके वास्तविक समस्यों से लोगों का ध्यान भटकाने का काम करती है। द्रमुक नेता ने कहा कि दिल्ली चुनाव से पहले बजट में लोक लुभावन घोषणा की गई लेकिन चुनाव आयोग खामोश रहा। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के छोटे हिस्से को कर में छूट देने का स्वागत करते हुए कहा कि देश की बड़ी संख्या में इसमें ध्यान नहीं रखा गया है जबकि सभी लोग टैक्स देते हैं।

उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के बजट में कटौती कर दी गई है। मनरेगा के बजट में कमी कर दी गयी है। एक तरफ महंगाई तेजी से बढ रही है दूसरी तरफ कल्याणकारी योजनाओं के बजट में कटौती की जा रही है जो उचित नहीं है। रोजगार उत्पन्न करना समय की जरूरत है, लेकिन इसके बारे में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

द्रमुक ने कहा कि रेलवे हमारे लिए महत्वपूर्ण है लेकिन उसके बजट में भी कटौती कर दी गई। देश भर में रेल दुर्घटनाओं में बढोतरी हो रही है। इससे पता चलता है कि सरकार को आम लोगों के बारे में कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि एक देश की आबादी के खिलाफ है और कारपोरेट को फायदा पहंचाने वाला है।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि पिछले दस वर्ष के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकाल की एक उपलब्धि रही नोटबंद। नोटबंदी में जो लक्ष्य रखा गया था उनमें से कुछ हासिल नहीं हुआ है, लेकिन अर्थव्यवस्था का खस्ताहास हो गया। उन्होंने कहा कि हर अर्थशास्त्री ने एक ही बात कही थी कि पूंजीपतियों को पैसा नहीं देकर देश के आम लोगों को पैसा दीजिए, लेकिन एसा नहीं किया।

इसके कारण पांच साल से देश की अर्थव्यवस्था का चक्का जाम हो गया था। अब मौजूदा बजट करदाताओं को राहत दी गई तो शायद अब अर्थव्यवस्था का चक्का चले। उन्होंने कहा कि सरकार ने आयकर में छूट तो दे दी, लेकिन अगर सरकार ही बाजार से पैसा उठाएगी तो निजी निवेशक के पास पैसा कहां से आयेगा। इस पर सरकार का आज तक स्पष्टीकरण नहीं आया है।

सरकार ने बहुत ही चतुराई से वित्तीय घाटे के मापदंड को बदल दिया है। भारत सरकार के ऊपर कर्ज पिछले दस साल में भारी कर्ज बढ़ा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कृषि क्षेत्र में गंभीर संकट है लेकिन सरकार सही आंकडे नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि 2014 में 5.44 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी जो अब करीब आठ प्रतिशत हो गया है।

उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थ के दामों में अधिक बढोत्तरी हुई है। भाजपा के अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह वार्षिक बजट ही नहीं विकसित भारत का संकल्प है। हम जैसे ही विकसित भारत की बात करते हैं विपक्ष को दर्द होने लगता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो लूट और भ्रष्टचार चल रहा था उसको दिल्ली के लोगों ने बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि बारह लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। विकसित भारत के जो लक्ष्य तय किये गये हैं उसमें गरीबी शून्य हो जाएगा। किसानों के दम पर भारत फूड बास्केट बनेगा। हमारा मानना है गरीब का भला तो देश का भला। मध्यम वर्ग खुश तो देश खुश। विपक्ष ने को मध्यम वर्ग और गरीब से कोई लेनादेना नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि टैक्स का चाबुक चलाने वाले हमसे पूछ रहे हैं आपने एसा बजट क्यों दिया।

संप्रग के समय भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार था लेकिन अब विकसित भारत बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी एक नहीं अनेक योजनाएं विकसित भारत बनाने के लिए है। हमारे लिए परिवार नहीं देश प्राथमकिता है। विपक्ष के मध्यम वर्ग टैक्स भरने वाला था इसलिए उनको दिये गये छूट से उन्हें परेशानी हो रही है। देश जीएसटी का रिकार्ड का कलेक्शन बढ रहा है जिसका लाभ राज्यों को मिल रहा है। मोदी सरकार ने 25 करोड लोगों को गरीबी से निकालने का काम किया जिसकी विश्वभर में चर्चा हो रही है।

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