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साधुओं के वेश में आतंकवादी कर सकते हैं हमला

महाकुंभ में कमांडो और स्नाइपर्स तैनात

  • शाही स्नान पर होगा विशेष ध्यान

  • साधुओं के लिए भी आधार कार्ड जरूरी

  • असम और बंगाल से भी गिरफ्तारी हुई है

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः कनाडा स्थित खालिस्तानी आतंकवादी नेता गुरुतपवंत सिंह पन्नू पहले ही हमले की धमकी दे चुका है। खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कुछ इस्लामी आतंकवादी संगठन प्रयागराज में पूर्णिमा कुंभ मेले को भी निशाना बना रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोई जोखिम न उठाते हुए महाकुंभ की सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो फोर्स और स्नाइपर प्लाटून तैनात करने का निर्णय लिया।

कुंभ मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक इस बार कुंभ मेले में कुल 26 एंटी-सैबोटेज टीमें तैनात की जा रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के कमांडो बल और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के विशेष बलों के साथ-साथ इस सूची में उत्तराखंड पुलिस की दो विशेष रूप से प्रशिक्षित इकाइयां भी शामिल हैं। वहां ड्रोन निगरानी प्रणाली और ‘बुलेटप्रूफ चौकियां’ होंगी। शाही स्नान स्थलों, मंदिरों और कार पार्किंग स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आतंकवादी संतों की आड़ में हमला न कर सकें, सभी अखाड़ों और साधुओं के लिए आधार कार्ड रखना अनिवार्य कर दिया गया है। संयोग से इस बार कुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी मकर संक्रांति से शुरू होगा। इसका समापन 26 फरवरी को शिवरात्रि के दिन होगा। यह सात सप्ताह तक चलेगा।

गौरतलब है कि कुंभ में विशेष शुभ दिनों पर होने वाले स्नान को शाही स्नान कहा जाता है। इस वर्ष 44 दिवसीय महाकुंभ में कम से कम छह शाही स्नान दिवस होंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है अमावस्या के दिन होने वाला शाही स्नान। ऐसी आशंका है कि आतंकवादी हमले के लिए इसी दिन को चुन सकते हैं।

प्रयागराज में मेला मैदान का क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर से अधिक है। संगम पर पानी का एक विशाल भंडार भी है। जल पुलिस के विशेष बल को वहां सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। कुंभ मेला हर छह साल में आयोजित किया जाता है। अर्ध कुंभ मेला 2019 में आयोजित किया गया था। इससे पहले पूर्णिमा कुंभ मेला 2013 में आयोजित किया गया था। प्रयागराज में 12 वर्षों के बाद पुनः पूर्णिमा कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है।

दरअसल असम और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के स्लीपर सेल के सदस्यों की गिरफ्तारी से मिली जानकारी के आधार पर भी सतर्कता बढ़ायी गयी है। इस बीच पश्चिम बंगाल के कैनिंग इलाके से कश्मीर के एक आतंकवादी की गिरफ्तारी से खुफिया जानकारी यह सामने आयी है कि अब हथियारों के आदान प्रदान के लिए आतंकवादी सुंदरवन के घने जंगलों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। आदमखोर बाघ की प्रचुरता की वजह से आम तौर पर स्थानीय लोग इन इलाकों में बहुत कम जाते हैं, जिसका फायदा उठाने की साजिश रची गयी है।

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