भारत के विकास में पूर्वोत्तर की भूमिका को बढ़ावाः सिंधिया
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कुकी जो पुरुषों का अंतिम संस्कार पांच को
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मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है देश
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सांस्कृतिक उत्सव दिल्ली के भारत मंडपम में
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले दशक में देश का विकास विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में प्रगति के कारण हुआ। सिंह ने कहा कि युवाओं को सशक्त बनाना और नवाचार को बढ़ावा देना राष्ट्र के लिए विकास लक्ष्यों को हासिल करने की कुंजी है। गुवाहाटी में 10वें भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सिंह ने कहा, भारत के विकास की उल्लेखनीय कहानी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में देश की प्रगति में गहराई से निहित है।
पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमने विभिन्न क्षेत्रों में बड़ा बदलाव देखा है. स्टार्टअप के उभार से लेकर जैव प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और क्वांटम विज्ञान में क्रांतिकारी सफलताओं तक। उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो कभी विकास की परिधि पर था, आज विकास का एक चमकदार उदाहरण बन गया है, जिसमें आर्थिक प्रगति और वैज्ञानिक नवाचार दोनों शामिल है।
महोत्सव में सिंह ने भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (आईएसटीआई) पोर्टल भी लॉन्च किया, जो एक केंद्रीकृत मंच है और भारत के पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार से संबंधित सामग्री के लिए एक व्यापक भंडार के रूप में काम करेगा। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने देश के विकास और समृद्धि में तेजी लाने के लिए मौजूदा समय में प्रौद्योगिकी, संसाधनों और पूंजी के एकीकरण के महत्व पर जोर दिया।
दूसरी ओर ,केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अष्टलक्ष्मी महोत्सव के लिए आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय पहली बार इस महोत्सव का आयोजन करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप भारत के भविष्य के विकास में पूर्वोत्तर के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, प्रधानमंत्री का विजन है कि पूर्वोत्तर भारत के विकास का इंजन बने। लक्ष्मी के आठ अवतार – समृद्धि, ऐश्वर्य, पवित्रता, धन, ज्ञान, कर्तव्य, कृषि और पशुपालन – पूर्वोत्तर के सार का प्रतीक हैं।
इस कार्यक्रम में शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार, सचिव चंचल कुमार, सचिव, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक संपदा का उत्सव, अष्टलक्ष्मी महोत्सव, तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव, 6 से 8 दिसंबर, 2024 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा।
चुराचांदपुर समुदाय के एक प्रमुख संगठन ने कहा कि 12 कुकी-जो लोगों का अंतिम संस्कार मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में 5 दिसंबर को किया जाएगा, जिनमें जिरीबाम में सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 लोग भी शामिल हैं। इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने शनिवार को एक आपातकालीन बैठक की, जिसके बाद यह घोषणा की गई।