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पुलिस की सतर्कता से पांच बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया

  • मणिपुर की हालात में सुधार नजर नहीं आता

  • मिजो नेशनल फ्रंट से सीएम से इस्तीफा मांगा

  • बंद स्कूल-कॉलेज फिर से खुल गए, बंद रहेगा इंटरनेट

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी :केंद्रीय जांच ब्यूरो ने असम में कई व्यक्तियों को ठगने वाली धोखाधड़ी वाली निवेश योजनाओं से जुड़े एक बड़े वित्तीय घोटाले के संबंध में एक व्यापक आरोपपत्र दायर किया है।आरोपपत्र में बिशाल फुकन, सुमी, तारिक और एक अन्य आरोपी को अवैध जमा योजना चलाने के लिए आरोपित किया गया है, जिसने उच्च रिटर्न की आड़ में निवेशकों को ठगा।इस घोटाले की शुरुआत में डिब्रूगढ़ पुलिस ने 2 सितंबर, 2024 को बिशाल फुकन के खिलाफ दर्ज एक एफआईआर (संख्या 352/2024) के बाद जांच की थी।

आरोपी पर आरोप है कि उसने 30 प्रतिशत गारंटीड रिटर्न का वादा करके नोटरीकृत समझौतों के माध्यम से लोगों को सीधे अपने व्यक्तिगत डीमैट खाते में पैसा जमा करने के लिए लालच देकर आरबीआई और सेबी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। इस बीच, सीबीआई अतिरिक्त दोषियों का पता लगाने और गलत तरीके से इस्तेमाल की गई धनराशि की वसूली के लिए अपनी जांच जारी रखे हुए है। असम सरकार ने पीड़ितों को न्याय दिलाने और भविष्य में इस तरह के वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

असम पुलिस ने एक त्वरित और रणनीतिक अभियान में पांच व्यक्तियों को पकड़ा, जो अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर गए थे।राज्य की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए, अधिकारियों ने तुरंत बंदियों को बांग्लादेश वापस भेज दिया। अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान दुदु मिया चकदर, अनुवर हुसैन, इमरान हसन, मोहम्मद महबूब और नाहर बेगम के रूप में हुई है।पकड़े जाने के बाद, उनसे पूछताछ की गई और बाद में स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्हें सीमा पार वापस भेज दिया गया।

मिजो नेशनल फ्रंट ने मणिपुर के सीएम के इस्तीफे की मांग की। इंफाल घाटी के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों का गुस्सा राज्य सरकार और स्थानीय विधायकों पर भी फूट पड़ा है।मिजो नेशनल फ्रंट के मीडिया एवं प्रचार विभाग के महासचिव वीएल क्रोसेनेहज़ोवा ने गुरुवार को एक बयान जारी कर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर निष्क्रियता और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार की भयावह विफलता के कारण यह संकट और भी बढ़ गया है। बयान में इस बात की पुष्टि की गई है कि जातीय संघर्ष के कारण ज़ोफ़ेट भाइयों पर जो पीड़ा हुई है, वह असहनीय स्तर पर पहुँच गई है। मिजो नेशनल फ्रंट ने संसदीय बहसों में इस मुद्दे को साहस के साथ उठाने के लिए मिजोरम के राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना के निडर प्रतिनिधित्व की सराहना की, जिससे ज़ोफ़ेट समुदाय की आवाज़ बुलंद हुई और न्याय की वकालत हुई।

मणिपुर हिंसा के बाद इंफाल घाटी और जिरिबाम में दो सप्ताह से बंद चल रहे स्कूल और कॉलेज आज शुक्रवार से फिर से खुल गए हैं। इन दोनों जगह पिछले 13 दिनों से सभी शिक्षण संस्थाएं बंद थीं। राज्य की एन बीरेन सिंह ने सरकार ने इस बात की घोषणा की। अलग-अलग आदेशों में सभी जिला और जोनल स्तर के अधिकारियों को शुक्रवार से कॉलेजों और विश्वविद्यालयों सहित सभी सरकारी, निजी, सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों की कक्षाएं फिर से शुरू करने के लिए उचित कदम उठाने को कहा है।

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