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आतिशबाजी से दिल्ली की आसमान पर धुएं के बादल

शीर्ष अदालत ने सरकार औऱ पुलिस से पूछा

  • स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की इसकी

  • आसमान पर धुआं सा छाया हुआ है

  • अदालत के निर्देश का पालन नहीं हुआ

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक विशेषज्ञ की रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें उल्लेख किया गया था कि शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिबंध के बावजूद दिवाली 2024 के दौरान पटाखों के कारण प्रदूषण सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। अदालत ने कहा, खेतों में आग लगने और पटाखों से होने वाले प्रदूषण के मामले 2022 और 2023 की तुलना में अधिक थे।

सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बड़े पैमाने पर उल्लंघन पर सोमवार को अधिकारियों को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच स्थानीय अधिकारियों की खिंचाई की, जो गंभीर स्तर के करीब पहुंच रहे हैं। खुली आंखों से भी यह दिख रहा है कि पूरे शहर के ऊपर धुएं का एक बादल सा मंडरा रहा है। अनेक लोगों को इसकी वजह से सांस की परेशानी भी होने की शिकायत मिली है।

शीर्ष अदालत ने अदालत के आदेशों का पालन न करने पर दिल्ली सरकार और पुलिस आयुक्त से जवाब मांगा। 4 नवंबर को, जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अखबारों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए पाया कि पटाखे फोड़ने पर सरकार के प्रतिबंध पूरी तरह से गैर-अनुपालन थे।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अर्चना पाठक दवे ने कहा कि इस साल दिवाली के दौरान पटाखों पर लगे प्रतिबंधों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पाया कि पड़ोसी राज्यों से राजधानी में पटाखे लाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, लोग दूसरे राज्यों से पटाखे ला रहे हैं। दिवाली से पहले एक सार्वजनिक अभियान होना चाहिए, लोगों में समझ की कमी है। कोर्ट ने अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जवाब देने को कहा है।

इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से सवाल किए और उन्हें अक्टूबर के आखिरी 10 दिनों में खेतों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि पर जवाब देने का निर्देश दिया। अधिवक्ता एचएस फुल्का ने बताया कि पटाखा प्रतिबंध के उल्लंघन की सुनवाई 11 नवंबर को होगी। एचएस फुल्का ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को बहुत गंभीरता से लिया है कि दिवाली के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लागू नहीं किया गया है।

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