चायपत्ती बटोरने के सीजन में फिर से फैला आतंक
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चाय पत्ती तोड़ने का उत्सव जारी था
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खून के धब्बे देख लोगों ने उसे खोजा
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हाल के दिनों में कई ऐसे हमले हुए
राष्ट्रीय खबर
जलपाईगुड़ीः डुआर्स में तेंदुए के हमले में एक बच्ची की मौत हो गयी। मृत बच्ची का नाम सुशीला गोआला (12) है। यह घटना डुआर्स के नागरकट्टा ब्लॉक के अंगरावासा 1 ग्राम पंचायत के दक्षिण खेरकटा गांव में शनिवार शाम को हुई। पता चला कि बच्ची शाम को पड़ोस के घर से आयी थी और हाथ-मुंह धो रही थी। तभी अचानक एक तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया और उसे पास के डायना जंगल में ले गया।
यह हमला इतनी चुपचाप हुआ को लोगों को प्रारंभ में वहां चीता के हमले की जानकारी तक नहीं मिली। बाद में खून के धब्बे देखने के बाद स्थानीय निवासियों ने लड़की का शव बरामद किया। इस घटना से इलाके में दहशत के साथ-साथ तेंदुए का भी डर फैल गया। इस बीच खबर पाकर नागराकाटा पुलिस और वन विभाग के कर्मी मौके पर आये।
उनके आसपास स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। घटना से इलाके में मातम छा गया। लक्ष्मी पूजा के ठीक बाद चाय बागान में चाय पत्ती बटोरने का काम प्रारंभ हुआ है। डाबरी चायबागान के कार्यकर्ताओं ने चांदनी में मशालें जलाईं। इलाके के सभी गांवों में आदिवासी सांस्कृतिक आयोजन किये गये। इसके बाद ही पूरा इलाका अपने इस काम में जुट गया है।
रात के अंधेरे में मशाल जलाकर चाय की पत्ती बटोरने का काम चलता रहा। मिली जानकारी के मुताबिक शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक चाय पत्ती एकत्रित करने का काम चला। शाम को ही पत्ता बटोरने के काम के बारे में कहा जाता है कि सूरज ढलने के बाद अन्य पौधों की तरह चाय का पौधा भी पत्तियों में भोजन उत्पादन की प्रक्रिया बंद कर देता है।
इस समय चाय की पत्तियों में नाइट्रोजन और मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ जाती है। इस समय चुनी गई चाय की पाती से बनी चाय को बाजार में फुल मून टी के नाम से जाना जाता है। ऐसे समारोह के दौरान ही जंगली जानवर का यह हमला हुआ। जुलाई में डुआर्स के बानरहाट के तोतापाड़ा चाय बागान में एक बच्चे को तेंदुआ उठा ले गया था। बाद में बच्चे का शव चाय बागान से बरामद किया गया। इसके अलावा डुआर्स में चीतों के हमले में भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।