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सेबी प्रमुख की करोड़ों की अवैध कमाई : कांग्रेस

माधवी बूच के खिलाफ और नये रहस्योदघाटन

  • अब किराया वसूली का राज खुल गया

  • जिसकी जांच उसी कंपनी को किराया

  • अब प्रधानमंत्री को सफाई देना चाहिए

 

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच को लेकर एक और खुलासा करते हुए शुक्रवार को कहा कि जिस संपत्ति से वह करोड़ों का किराया वसूल कर रही हैं उसकी सूचना किसी को नहीं है और जिस कंपनी से यह कमाई की जा रही है श्रीमती बुच उसका केस भी देख रही हैं।

कांग्रेस प्रचार तथा संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा में शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, श्रीमती माधवी पुरी बुच 2018 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य बनी थीं।

अब  पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद उन्होंने अपनी एक प्रॉपर्टी किराए पर दी और वित्त वर्ष 2018-19 में इससे उन्हें सात लाख रुपए किराया मिला। इस प्रोपर्टी के लिए उन्हें 2019-20 में 36 लाख रुपए किराया मिला जो इस साल तक बढ़ते हुए 46 लाख रुपए तक पहुंच गया। उन्होंने कहा,श्रीमती बुच ने अपनी प्रॉपर्टी जिस कंपनी को दी उसका नाम कैरोल इन्फो सर्विस लिमिटेड है जो वोकहार्ड कंपनी का हिस्सा है।

 वोकहार्ड वही कंपनी है जिससे जुड़ी शिकायतों को सेबी लगातार डील कर रहा है। ये पूरी तरह से करप्शन का मामला है।

माधबी पुरी बुच जी सेबी की पूर्णकालिक सदस्य  बनने के बाद एक कंपनी को अपना घर किराए पर दे देती हैं।

वे उस कंपनी से अभी तक किराए के 2.16 करोड़ रुपए से ज्यादा ले चुकी हैं और हम जानना चाहते हैं कि आपने इसकी जानकारी कहां-कहां दी।

क्या ये उचित है कि आपने अपनी प्रॉपर्टी एक ऐसी कंपनी को किराए पर दी जिसके आप केस देख रही हों।

प्रवक्ता ने कहा,हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहते हैं कि क्या आपका श्रीमती माधबी पुरी बुच जी के साथ समझौता है कि सरकार ऐसी किसी कंपनी में दखल नहीं देगी,

जिसके साथ उनके व्यावसायिक संबंध हैं। श्री मोदी ने श्रीमती बुच को ऐसा कौन सा वरदान दे दिया कि वह जो भी करें, माफ है।

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