वन विभाग के अधिकारियों ने बहराइच पर नई दलील दी
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः उत्तर प्रदेश के वन अधिकारी ने कहा कि बहराइच में भेड़ियों के आतंक के पीछे बदला लेने की आदत हो सकती है। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के हमलों की बाढ़ आ गई है, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई है। ऐसा हो सकता है कि भेड़ियों ने बदला लेने की कोशिश की हो।
उत्तर प्रदेश वन निगम के महाप्रबंधक संजय पाठक ने कहा कि भेड़ियों में अपने घरों या बच्चों को नुकसान पहुंचाने पर बदला लेने की प्रवृत्ति होती है। मनुष्यों पर भेड़ियों के हमलों में वृद्धि ने विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है, क्योंकि जानवरों को स्वभाव से सौम्य और विनम्र माना जाता है। पाठक ने कहा कि भेड़िये ज्यादातर बच्चों को निशाना बना रहे हैं।
पाठक ने कहा, भेड़ियों को बदला लेने की आदत होती है। अगर कोई उनके घर या उनके बच्चों को नुकसान पहुंचाता है, तो वे इंसानों से बदला लेते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहलू से इनकार नहीं किया जा सकता। बहराइच के रमुआपुर के ग्रामीणों ने दावा किया कि उन्होंने गन्ने के खेत के अंदर लगभग दो किलोमीटर दूर स्थित एक मांद में भेड़ियों के बच्चे देखे थे।
हालांकि, भारी बारिश के कारण इलाके में बाढ़ आ गई, जिससे घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ गया और 6 फुट लंबी मांद जलमग्न हो गई। ग्रामीणों ने दावा किया कि शायद बाढ़ के कारण शावकों की मौत हो गई होगी और अब माता-पिता भेड़िया बदला ले रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भेड़ियों के शावकों को मनुष्यों द्वारा किसी तरह से नुकसान पहुंचाया गया होगा, जिसके कारण ये क्रूर हमले हुए।
भेड़ियों के आवास में व्यवधान के कारण भी वे मानव बस्तियों की ओर बढ़ गए होंगे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि भेड़ियों ने उत्तर प्रदेश में आतंक फैलाया हो। 1996 में प्रतापगढ़ में 10 से अधिक बच्चों पर भेड़ियों ने हमला किया था। बाद में पता चला कि कुछ किसानों ने उथली गुफा में भेड़ियों के शावकों का झुंड पाया, जिससे उनके आवास नष्ट हो गए।
अब तक, छह में से चार आदमखोर भेड़ियों को पकड़ लिया गया है, जिससे बहराइच के गांवों में भय का माहौल है। सूर्यास्त के बाद सड़कें सुनसान हो जाती हैं और ग्रामीण लाठी और लोहे की छड़ लेकर बाहर निकलने लगे हैं। सरकार ने बचे हुए दो भेड़ियों को पकड़ने के लिए 10 सदस्यीय टीम बनाई है।
उत्तर प्रदेश के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने बताया कि भेड़ियों को पकड़ने के लिए अंतिम अभियान शुरू कर दिया गया है। सक्सेना ने बताया, दो रेंजरों सहित 10 सदस्यीय टीम को भेड़ियों को बेहोश करने की जिम्मेदारी दी गई है। अगर भेड़ियों को बेहोश नहीं किया जा सकता तो उन्हें मारने के आदेश भी दिए गए हैं। हालांकि, पहले भेड़ियों को बेहोश करके उन्हें काबू करने की कोशिश की जाएगी।