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अब स्कूटर पर ढो रहे हैं मगरमच्छ, देखें वीडियो

पहले बाढ़ में आतंक था इन जलीय जानवरों का

  • बडोदरा इलाके का वीडियो हुआ वायरल

  • विश्वामित्र नदी के जानवर आ गये थे

  • अब तक चालीस को बचाकर वापस भेजा

राष्ट्रीय खबर

अहमदाबादः गुजरात में स्कूटर पर एक विशाल मगरमच्छ को ले जाते दो युवकों का एक वायरल वीडियो ऑनलाइन सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है। वीडियो में दो युवक स्कूटर पर विशाल मगरमच्छ को ले जाते दिख रहे हैं। उनमें से एक स्कूटर चला रहा है, जबकि दूसरा युवक उसे गोद में लिए हुए पीछे की सीट पर बैठा है। यह दृश्य गुजरात के वडोदरा में बाढ़ का पानी उतरने के बाद का है।

देखें वह वायरल वीडियो

रिहायशी इलाकों से कम से कम 40 मगरमच्छों को बचाया गया है। वन विभाग और गैर सरकारी संगठनों की टीमों ने मानव बस्तियों में घुस आए मगरमच्छों को बचाने के लिए हाथ मिलाया है। अधिकारियों ने पहले ही मगरमच्छों और अन्य जानवरों के पुनर्वास और बचाव का काम शुरू कर दिया है, ताकि विनाशकारी बाढ़ के बाद गुजरात में किसी भी तरह के मानव-पशु संघर्ष को रोका जा सके।

दोनों युवकों की पहचान संदीप ठाकोर और राज भावसार के रूप में हुई है। वे वर्तमान में वडोदरा में पशु बचाव दल के रूप में काम कर रहे हैं और वीडियो शूट किए जाने के समय वे मगरमच्छ को स्थानीय वन विभाग को सौंपने के लिए ले जा रहे थे। विश्वामित्र नदी के तट पर स्थित वडोदरा में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं।

बाढ़ के कारण ये जानवर कई रिहायशी इलाकों में चले गए थे। वन विभाग द्वारा पकड़े जाने के बाद, विशाल मगरमच्छों को उनके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ा जा रहा है। मगरमच्छों के अलावा, वन विभाग ने बाढ़ के बाद रिहायशी इलाकों से सांपों और कछुओं को भी बचाया है। रिपोर्ट के अनुसार, स्कूटरह पर मगरमच्छ को ले जाने वाले दोनों की पहचान संदीप ठाकोर और राज भावसार के रूप में हुई है। दोनों वडोदरा के मंजलपुर इलाके में जानवरों को बचाने की गतिविधियों में शामिल हैं।

वडोदरा रेंज के वन अधिकारी करणसिंह राजपूत ने बताया कि विश्वामित्र नदी में 440 मगरमच्छ हैं, जिनमें से कई अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ के दौरान रिहायशी इलाकों में चले जाते हैं। वडोदरा सामाजिक वानिकी प्रभाग में उप वन संरक्षक अग्निश्वर व्यास ने एनडीटीवी को बताया कि बाढ़ के बाद शहर के इलाकों में 40 मगरमच्छ पाए गए।

व्यास ने कहा, हमने 33 जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास नदी में वापस छोड़ दिया है, पांच बचाव केंद्र में हैं और दो की आकस्मिक मौत हो गई है। अधिकारी ने बताया, बाढ़ के दौरान जब जानवर इधर-उधर बिखर जाते हैं, तो आकस्मिक मौत की संभावना होती है। शहर में पशु बचाव अभियान की देखरेख कर रहे श्री व्यास ने कहा, हमने वन विभाग के कर्मचारियों की देखरेख में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों की टीमें बनाई हैं। जब हमें हेल्पलाइन पर कॉल आती है, तो निकटतम टीम मौके पर पहुंचती है और जानवर को बचाने की कोशिश करती है।

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