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अशांति की वजह से बांग्लादेश के पांच सौ से अधिक लोग सीमा पर

बीएसएफ के जवान घुसपैठ रोकने के लिए तैनात


  • बीएसएफ प्रमुख ने त्रिपुरा में समीक्षा की

  • सीमा से चार सौ मीटर की दूरी पर भीड़

  • हिंदुओं की सुरक्षा पर केंद्र सरकार गंभीर

भूपेन गोस्वामी


 

गुवाहाटी: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने बुधवार को सीमा सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा करने और बांग्लादेश में चल रही कानून व्यवस्था की स्थिति और सुरक्षा परिदृश्य पर इसके प्रभावों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर असम बांग्लादेश सीमा धुबुरी जिले में कंटीले तार के दूसरी तरफ बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं ने 500 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा हो गए हैं।

हालात को देखते हुए इलाके में बीएसएफ की 157 बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है।

बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू कंटीले तार से करीब 400 मीटर दूर गैबांडा जिले के गेंदुगुरी और दाइखवा गांव में जमा हुए हैं। ये लोग शुक्रवार सुबह से ही खड़े हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है।

समिति बांग्लादेश में अपने समकक्षों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी ताकि भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और वहां रहने वाले अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

समिति का नेतृत्व एडीजी, सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में महानिरीक्षक (आईजी), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल, महानिरीक्षक (आईजी),

 बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा, सदस्य (योजना और विकास), भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण (एलपीएआई), और, सचिव, एलपीएआई शामिल हैं।

सीमा पार से हिंदू बांग्लादेशियों की भीड़ का आरोप है कि उनके घर और मंदिर जलाए जा रहे हैं।

वे भारत में शरण लेने आए हैं। वहीं भारतीय लोग इस भीड़ से आशंकित हैं। उनका कहना है कि अगर ये लोग भारत में प्रवेश करते हैं तो खाने की किल्लत हो जाएगी।

ऐसे में वे नहीं चाहते कि ये बांग्लादेशी भारत आएं। बीएसएफ ने बांग्लादेशी हिंदुओं को समझाने की कोशिश की है कि उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार कूटनीतिक प्रयासों के जरिए बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों का समाधान करेगी।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत सरकार धैर्य और सावधानी के साथ स्थिति का प्रबंधन कर रही है, सुरक्षा सुनिश्चित करने और पूरी तरह से सील की गई भारत-बांग्लादेश सीमा पर कड़ी निगरानी बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

सरकार कूटनीतिक रूप से स्थिति से निपटेगी और धैर्य का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समाधान बांग्लादेश में सताए गए व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में निहित है, न कि उन्हें भारत में प्रवेश करने की अनुमति देने में।

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