आईपीएस महकमे की तरफ वरीयता के आधार पर पदाधिकारी नहीं बैठे
-
वरीयता क्रम में बैठते है अधिकारी
-
विभाग में काम का बंटवारा भी सही नहीं
-
सीएम ने कहा विधि व्यवस्था प्राथमिकता है
दीपक नौरंगी
भागलपुरः पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अण्णे मार्ग स्थित संकल्प में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक दो दिन पहले की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। लेकिन बैठक में एक बिंदु को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है मुख्यमंत्री की बैठक में प्रोटोकॉल का पालन नहीं होना और वरीयता को अनदेखी किया गया जिसको लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे।
विधि व्यवस्था को लेकर हो रही इस बैठक में मुख्यमंत्री खुद शामिल थे और डीजीपी साहब के बगल में एक आईएएस रैंक के पदाधिकारी बैठे हुए थे उसके बाद एडीजी विधि व्यवस्था संजय सिंह बैठे हुए थे लेकिन उसके बाद कई डीजी रैंक के पदाधिकारी उसे पंक्ति में कुर्सी पर बैठे हुए थे। मुख्यमंत्री की इस बैठक में वरीयता और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किए जाने को लेकर कई तरह की चर्चा आईएएस रैंक से लेकर आईपीएस महकमें हो रही है।
डीजीपी साहब ने जब पदभार ग्रहण किया था तो कई साफ सुथरी छवि वाले आईपीएस पदाधिकारी को यह उम्मीद जगी थी कि अब सही आईपीएस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी को डीजीपी साहब बेहतर मान सम्मान तो मिलेगा। लेकिन डीजीपी साहब को कुछ महीने के बाद दो साल पूरे हो जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है।
सीनियर पदाधिकारी का कार्य जूनियर से लिया जा रहा है। क्या यह ठीक हो रहा है क्या यह सही संदेश जा रहा है पूरे सरदार पटेल भवन में यह चर्चा होती है कि सीनियर पुलिस पदाधिकारी का कार्य जूनियर पुलिस पदाधिकारी से लिया जा रहा है सरकार के मुखिया की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।
इस घटना पर दीपक नौरंगी की वीडियो रिपोर्ट
बैठक में मुख्यमंत्री को गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने गृह विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में तथा पुलिस महानिदेशक आरएस भट्ठी ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है।
आप अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल समाधान पोर्टल के माध्यम से भूमि जनित मामलों का निरंतर अनुश्रवण कर समाधान रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी हो रही है। पहले जितनी हत्यायें होती थी, प्रतिशत हत्यायें भूमि विवाद के कारण होती थी, अब यह घटकर 46.69 प्रतिशत हो डायल 112 सेवा पूरे राज्य में 20 मिनट के अंदर लोगों को उपलब्ध होने से नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवा उपलब्ध हो रही है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गश्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें, रात्रि गश्ती और तेज करें। रात्रि एवं पैदल गश्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें।
कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सभी पूरी तन्मयता से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये पुलिस और प्रशासन मुश्तैदी से कार्य करें तथा अपराध नियंत्रण हेतु पूरी सख्ती से कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं। 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें। हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है।
बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। हर थाने में महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों का पदस्थापन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले आगंतुकों के साथ अच्छा व्यवहार हो, उनकी बातें सुनी जाय, यह सुनिश्चित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है। जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आए। शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विशेष नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई करें। इसमें जो पदाधिकारी संलिप्त हैं, उनको भी चिह्नित कर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिये सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि बिहार में साम्प्रदायिक सद्भाव का माहौल कायम है, इसके लिये पुलिसकर्मियों ने अच्छा काम किया है। प्रशासन और पुलिस पूरी मुश्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें।