सरकार गयी तो नया विवाद सामने आ खड़ा हुआ
राष्ट्रीय खबर
हैदराबादः क्या वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने पोलावरम प्रमुख सिंचाई परियोजना के लिए जारी केंद्रीय निधियों को भी अपनी पसंदीदा नवरत्नालु योजनाओं में इस्तेमाल कर लिया है? यह आरोप तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पोलावरम परियोजना पर श्वेत पत्र जारी करते हुए लगाया। नायडू ने आरोप लगाया कि जगन ने पोलावरम परियोजना के काम को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा जारी 3,385 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा कि पिछली टीडीपी सरकार ने 2014 से 2019 के बीच इस परियोजना पर 11,762.47 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस राशि में से केंद्र ने 6,764.16 करोड़ रुपये वापस कर दिए थे और 2019 के चुनावों में टीडीपी के सत्ता से बाहर होने तक केंद्र को शेष 4,998.31 करोड़ रुपये जारी करने थे, जो वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी सरकार के सत्ता में आने के बाद जारी किए गए थे।
उन्होंने कहा, 1 जून, 2019 से 31 मई, 2024 के बीच जगन सरकार ने केवल 4996.53 करोड़ रुपये खर्च किए थे, हालांकि केंद्र सरकार ने पोलावरम परियोजना कार्यों को पूरा करने के लिए राज्य को 8,382.11 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी। नायडू ने आरोप लगाया कि इस प्रकार जगन सरकार ने पोलावरम परियोजना पर खर्च करने के बजाय 3385.58 करोड़ रुपये की राशि अन्य योजनाओं में लगा दी।
उन्होंने कहा कि धन के इस तरह से उपयोग से परियोजना के कार्यों की प्रगति बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसमें भूमि अधिग्रहण और परियोजना से विस्थापित लोगों का पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आरएंडआर) शामिल है। 31 मई, 2024 तक 2697 करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा, परियोजना की सभी निष्पादन एजेंसियों ने अपने लंबित बिलों का भुगतान न करने के कारण व्यावहारिक रूप से काम बंद कर दिया है।